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October 14, 2025
हिमाचल शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला : कई शिक्षकों पर गिरेगी गाज, नौकरी पर मंडराया खतरा
प्रमोशन मिलने के बाद भी कुछ शिक्षक स्कूलों में गैर हाजिर
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने सोमवार को शिमला स्थित राज्य सचिवालय में शिक्षा विभाग की विस्तृत समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता, विभागीय योजनाओं की प्रगति, रिक्त पदों की स्थिति, और आपदा प्रभावित स्कूलों के पुनर्निर्माण कार्यों की गहन समीक्षा की।
बैठक में शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी स्वीकृत पदों को तत्काल हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग (HPSSC) और हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (HPPSC) को भेजा जाए, ताकि भर्ती प्रक्रियाओं में कोई अनावश्यक देरी न हो।
उन्होंने कहा कि स्कूलों में खाली पद विद्यार्थियों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं, इसलिए भर्ती प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी तरीके से पूरा किया जाए। शिक्षा मंत्री ने TGT, JBT, पंजाबी और ऊर्दू शिक्षकों की लंबित भर्तियों की नियमित निगरानी करने के निर्देश दिए।
इसके साथ ही उन्होंने खेल छात्रावासों में डीपीई और कोच के पदों को शीघ्र भरने के लिए भी अधिकारियों को कहा, ताकि खेल प्रतिभाओं को आवश्यक प्रशिक्षण मिल सके। उन्होंने कहा कि विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर स्तर पर शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता रहे और किसी भी स्कूल में पढ़ाई बाधित न हो।
बैठक में 9वीं और 10वीं कक्षाओं में पीजीटी शिक्षकों की नियुक्तियों और पदोन्नति प्रक्रिया की समीक्षा की गई। मंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि जो PGT अपनी पदोन्नति के बाद समय पर ज्वाइनिंग नहीं दे रहे हैं, उनकी पदोन्नति रद्द कर दी जाएगी और अगले योग्य उम्मीदवार को मौका दिया जाएगा।
उन्होंने उप-निदेशकों को यह भी निर्देश दिए कि शिक्षकों के बीच सफल शिक्षण पद्धतियों और नवाचारों के उदाहरण साझा किए जाएं, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में सामूहिक सुधार हो।
शिक्षा मंत्री ने प्रदेश में नए प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना की औपचारिकताएं शीघ्र पूरी करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जैसे ही यह प्रक्रिया पूरी होगी, इन प्रस्तावों को मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
साथ ही उन्होंने कोटखाई और पांवटा साहिब में केंद्रीय विद्यालय स्थापित करने की दिशा में प्रक्रिया को तेज करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल के सुदूर क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान पहुंच सरकार की प्राथमिकता है।
शिक्षा मंत्री ने हाल ही में हुई प्राकृतिक आपदाओं से शिक्षा ढांचे को हुए भारी नुकसान पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 1320 से अधिक शिक्षण संस्थान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनको लगभग 122 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि PDNA फंड (Post Disaster Needs Assessment) का सही उपयोग किया जाए और 75 प्रतिशत से अधिक नुकसान वाले संस्थानों को मरम्मत के लिए प्राथमिकता सूची में रखा जाए।
स्कूल निरीक्षण प्रणाली की समीक्षा करते हुए शिक्षा मंत्री ने सभी उप-निदेशकों को निरीक्षण लक्ष्यों में वृद्धि के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि जवाबदेही और पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी।
बैठक में डॉ. वाई.एस. परमार विद्यार्थी ऋण योजना की भी समीक्षा की गई। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी पात्र विद्यार्थियों को 1 प्रतिशत ब्याज दर पर उच्च शिक्षा के लिए ऋण उपलब्ध करवाया जाए। उन्होंने कहा कि यह योजना उन विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित हो सकती है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं लेकिन उच्च शिक्षा प्राप्त करने की आकांक्षा रखते हैं।