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July 13, 2025

हिमाचल : लाडले ने दुनिया को कहा अलविदा, परिवार ने अंगदान कर 3 लोगों को दिया नया जीवन

नवनीत का हार्ट, किडनी और पैंक्रियाज को किया दान

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Engineer Navneet Organ Donation

कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के एक परिवार ने अपना जवान बेटा खो दिया। मगर इस दुख की घड़ी को उन्होंने सिर्फ एक निजी त्रासदी तक सीमित नहीं रहने दिया। 23 साल के जवान बेटे नवनीत सिंह की मौत ने जहां पूरे परिवार को झकझोर दिया। वहीं, उस बेटे के अंगदान करने का फैसला करके तीन मरीजों को नया जीवन मिला।

ब्रेन डेड से युवक की मौत

ये परिवार नूरपुर क्षेत्र के छोटे से गांव गंगथ का रहने वाला है। युवक की मौत ब्रेन डेड होने के कारण हुई है। जवान बेटे की असमय मौत के बाद परिजन गहरे सदमे में हैं। जबकि, पूरे इलाके में भी मातम पसरा हुआ है।

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छत से गिर गया था नवनीत

परिजनों ने बताया कि नवनीत इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। बीती 3 जुलाई को नवनीत एक इमारत की छत से गिर गया था। हादसे के बाद उसकी हालत बेहद गंभीर बनी हुई थी। नवनीत हादसे के बाद से लेकर 11 जुलाई तक उपचार के लिए PGI चंडीगढ़ में दाखिल था।

PGI में चल रहा था इलाज

डॉक्टरों ने नवनीत को ठीक करने व बचाने के लिए हर संभव कोशिश की। मगर उसकी सेहत में कोई सुधार नहीं हो पाया और डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों में चीख-पुकार मच गई। इसी बीच परिजनों ने बेटे के अंगदान करने का फैसला किया।

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परिजनों ने किए बेटे को अंगदान

इस दुख की घड़ी में नवनीत के पिता जनक सिंह ने नवनीत की मां अंजू देवी, बहन पूजा देवी और दादी सत्या देवी से सलाह कर उसके अंगदान करने का फैसला लिया। परिजनों ने नवनीत का हार्ट, किडनी और पैंक्रियाज को दान करने का साहसी फैसला लिया।

तीन लोगों को मिलेगा जीवनदान

जनक सिंह ने बताया कि बेटे के अंगदान करना उनके लिए आसान नहीं था। यह उनके जीवन का सबसे कठिन फैसला था। मगर यह सोचकर उनके दिल को थोड़ी राहत है कि नवनीत के अंग अब तीन लोगों की सांसों में जिएंगे।

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दिल्ली भेजा नवनीत का दिल

नवनीत का दिल एक ऐसे मरीज को दिया गया- जो दिल्ली के RML अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा था। दरअसल, PGI में उस समय हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए उपयुक्त मरीज नहीं था, इसलिए अंग को तुरंत NOTTO और ROTTO नॉर्थ के माध्यम से दिल्ली भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई।

हार्ट का एयर ट्रांसपोर्ट

सुबह 5:45 बजे इंडिगो फ्लाइट से हार्ट को चंडीगढ़ से दिल्ली रवाना किया गया। इस दौरान चंडीगढ़ और मोहाली पुलिस, CIS  और एयरपोर्ट अथॉरिटी ने आपसी समन्वय से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अंग को सुरक्षित और तेजी से एयरपोर्ट तक पहुंचाया।

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ट्रांसप्लांट हुए तीनों अंग

  • हार्ट ट्रांसप्लांट के मामलों में हर मिनट अमूल्य होता है। सभी एजेंसियों ने समय पर काम किया और एक जीवन को बचाया जा सका।
  • वहीं, PGI में एक मरीज को एक साथ किडनी और पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट किया गया। यह PGI का 63वां पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट था- जो कि पूरे भारत में सबसे अधिक संख्या है। यह ऑपरेशन टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित मरीज के लिए जीवन बदलने वाला रहा।
  • दूसरी किडनी एक ऐसे मरीज को दी गई जो लंबे समय से एंड-स्टेज किडनी फेलियर से जूझ रहा था और नियमित डायलिसिस पर निर्भर था। अब वह सामान्य जीवन की ओर लौटने की उम्मीद कर रहा है।

PGI ने दी नवनीत को श्रद्धांजलि

PGI चंडीगढ़ के डायरेक्टर प्रो. विवेक लाल ने नवनीत सिंह और उनके परिवार को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि इस गहरे दुख की घड़ी में यह परिवार जिस धैर्य और साहस के साथ सामने आया, वह एक मिसाल है। उन्होंने जो फैसला लिया, वह सच्ची मानवता की झलक है। हम उनके इस महान कार्य के लिए उनका दिल से आभार प्रकट करते हैं।

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