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July 13, 2025
सुक्खू सरकार ने नया सिस्टम किया लागू, अब सिर्फ इन कर्मचारियों को मिलेगा गजेटेड अफसर का दर्जा
सरकारी कर्मचारियों के वेतन मैट्रिक्स में बदलाव
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। सुक्खू सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के पदों की श्रेणियों (ग्रुप वर्गीकरण) को लेकर एक बड़ा और साफ बदलाव किया है। अब राज्य में पदों की ग्रुपिंग पुरानी व्यवस्था की बजाय वेतन मैट्रिक्स के स्तर के आधार पर की जाएगी।
अब सभी सरकारी नौकरियों को उनके वेतन स्तर के आधार पर नए तरीके से चार समूहों (ग्रुप A, B, C, D) में बांटा गया है। इसके साथ ही यह भी साफ कर दिया गया है कि अब सिर्फ ग्रुप-A के पद ही गजटेड माने जाएंगे, बाकी सभी ग्रुप गैर-गजटेड होंगे।
आपको बता दें कि सुक्खू सरकार ने सरकारी सेवाओं के पदों के वर्गीकरण में एक महत्वपूर्ण और व्यापक संशोधन किया है। इससे पहले 7 सितंबर 2022 को जारी वर्गीकरण अधिसूचना को पूरी तरह निरस्त कर दिया गया है। नई व्यवस्था को 24 जून 2025 को कार्मिक विभाग की औपचारिक सहमति मिलने के बाद लागू कर दिया गया है।
हिमाचल प्रदेश वित्त विभाग की ओर से जारी नए कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, अब सरकारी सेवाओं के पद निम्नलिखित आधार पर चार ग्रुपों में विभाजित किए गए हैं-
वेतन मैट्रिक्स स्तर- 16 से 31पूर्व ग्रेड पे के अनुसार- ₹5,000 से ₹10,000 तक (10300-34800 + 5000 GP से 37400-67000 + 10000 GP तक)
प्रभाव- अब सिर्फ ग्रुप-A में आने वाले पदधारक ही गजटेड ऑफिसर माने जाएंगे।
उदाहरण: डिप्टी कलेक्टर, एक्सक्यूटिव इंजीनियर, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी आदि
वेतन मैट्रिक्स स्तर-12 से 15
पूर्व ग्रेड पे के अनुसार- ₹4200 से ₹4800 (10300-34800 + 4200–4800 GP तक)
प्रभाव: अब ये पद गैर- गजटेड माने जाएंगे, जबकि पहले कुछ पद (जैसे तहसीलदार, इंस्पेक्टर आदि) गजटेड माने जाते थे।
वेतन मैट्रिक्स स्तर- 3 से 11
पूर्व ग्रेड पे के अनुसार- ₹1900 से ₹3800 (5910-20200 + 1900 GP से 10300-34800 + 3800 GP तक)
उदाहरण- क्लर्क, जूनियर असिस्टेंट, स्टोर कीपर, हेल्थ वर्कर, कंप्यूटर ऑपरेटर
वेतन मैट्रिक्स स्तर- 1 और 2
पूर्व ग्रेड पे के अनुसार- ₹1650 व ₹1800 (4900-10680 + 1650/1800 GP)
उदाहरण- चपरासी, चौकीदार, सफाई कर्मचारी, माली, बेलदार आदि
पहले कई ग्रुप-B के अधिकारी भी राजपत्रित (गजटेड) माने जाते थे, जिससे भ्रम की स्थिति रहती थी। अब केवल ग्रुप-A के पदधारकों को ही यह दर्जा मिलेगा।
इससे राज्य की सेवाओं की संरचना अधिक पारदर्शी और अनुशासित बनेगी। पदाधिकारियों के दायित्वों और शक्तियों की परिभाषा स्पष्ट होगी।
अब किसी भी पद का ग्रुप उसकी भूमिका से नहीं, बल्कि वेतन स्तर से तय होगा। इससे विभिन्न विभागों में समान वेतन वाले पदों को एक ही ग्रुप में रखना संभव होगा।
आने वाले समय में सभी नई भर्तियां और पदोन्नतियां इस संशोधित वर्गीकरण के तहत ही की जाएंगी। इसका असर भर्ती नियमों, सेवा लाभों और प्रोमोशन पर भी पड़ेगा।
2022 में लागू हिमाचल प्रदेश सिविल सर्विस रिवाइज्ड पे रूल्स-2022 के तहत पदों के वेतनमान में बड़ा बदलाव हुआ था। मगर ग्रुप वर्गीकरण उसी पुराने ढांचे पर आधारित था, जिससे असंतुलन और भ्रम की स्थिति बनी हुई थी। कई अधिकारी वेतन के हिसाब से वरिष्ठ होते हुए भी पद के ग्रुप के कारण गजटेड नहीं माने जाते थे। अब यह समस्या नए वर्गीकरण से समाप्त हो गई है।