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October 16, 2025

आपदा के लिए इंसान जिम्मेदार : देव परंपरा का करना होगा पालन, नहीं तो होगा 'विनाश'

दो देवताओं ने बांधा रक्षा सूत्र- टल गया खतरा...

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Dev Chunjwala Kamrunag Himachal

मंडी। देवभूमि हिमाचल ने बुधवार को एक अद्भुत और ऐतिहासिक पल देखा, जब 59 साल के लंबे अंतराल के बाद देव चुंजवाला महादेव अपने विशाल लाव-लश्कर के साथ मंडी जनपद के अधिष्ठाता देव कमरुनाग धाम पहुंचे।

देवमिलन बना आध्यात्मिक उत्सव

हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में यह देवमिलन एक आध्यात्मिक उत्सव बन गया। ढोल-नगाड़ों और शंखनाद के बीच जब देव चुंजवाला महादेव की पालकी कमरुनाग मंदिर प्रांगण में पहुंची तो वातावरण “जय देव! जय देव!” के जयघोषों से गूंज उठा।

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रक्षा करेंगे 18 करडू

देववाणी में देव चुंजवाला महादेव ने अपने गूर के माध्यम से महत्वपूर्ण संदेश दिय अगर मानव देव परंपराओं और देव आदेशों का सख्ती से पालन करेगा, तो अठारह करडू देवभूमि की रक्षा में सदा तत्पर रहेंगे।

आपदा के लिए मानव जिम्मेदार

वर्तमान में जो विपरीत परिस्थितियां बनी हैं, उसके लिए स्वयं मानव जिम्मेदार है। बारिश को रोकना या करवाना हमारे लिए कोई बड़ी बात नहीं, लेकिन जब मानव मर्यादाओं से भटक जाता है, तब प्रकृति भी असंतुलित हो जाती है।

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दोनों देवता ने बांधा रक्षा सूत्र

गूर ने आगे कहा कि वर्षों के बाद यह ऐतिहासिक देवदौरा आगामी बड़े संकट पर विराम लगाने के उद्देश्य से निकला है। देव चुंजवाला महादेव और बड़ा देव कमरुनाग के बीच रक्षा का सूत्र बांधकर दोनों देवताओं ने एक-दूसरे को आशीर्वाद दिया। इस देवमिलन को देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे, जिन्होंने पुष्प वर्षा कर देवता का स्वागत किया।

59 साल बाद मिलन...

इससे पहले देव चुंजवाला महादेव ने बड़ा देव कमरुनाग के प्राचीन मंदिर में शीश नवाया और प्रदेश की सुख-समृद्धि, वर्षा और खुशहाली के लिए प्रार्थना की। बताया जा रहा है कि देव चुंजवाला महादेव का यह दौरा वर्ष 1966 के बाद अब 59 वर्ष बाद निकला है। देवता का ऐसा दौरा तभी होता है जब विशेष परिस्थिति उत्पन्न होती है और देवलोक से आदेश आता है।

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लाव-लश्कर के साथ पहुंचे देवता

देवता के कार-करिंदों ने बताया कि इस बार देव चुंजवाला महादेव लगभग 7 हारों के 5000 से अधिक लाव-लश्कर के साथ कमरुनाग धाम पहुंचे हैं। देव चुंजवाला कमेटी सात हार के अध्यक्ष देवराज ने पुष्टि करते हुए कहा कि यह दौरा प्रदेश के लिए शुभ संकेत लेकर आया है।

आज होगा शाही स्नान

आज देव चुंजवाला महादेव कमरुनाग झील में शाही स्नान करेंगे। मान्यता है कि इस पवित्र झील के जल से स्नान करने या पानी का छींटा लेने मात्र से कई रोग दूर हो जाते हैं और व्यक्ति को आध्यात्मिक शुद्धता की अनुभूति होती है। देवता ने अपने प्रवास के दौरान देव गौरा वीर समेत कई अन्य मंदिरों में भी शीश नवाया, जहां भक्तों ने उनका भव्य स्वागत किया और ढोल-नगाड़ों की थाप पर पूरी घाटी गूंज उठी।

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नहीं आएगी हिमाचल पर कोई आंच...

यह देवमिलन केवल परंपराओं का संगम नहीं, बल्कि देवभूमि की आध्यात्मिक चेतना को पुनः जागृत करने का प्रतीक बन गया है। श्रद्धालु इसे आने वाले समय के शुभ संकेत के रूप में देख रहे हैं, जबकि देववाणी ने मानव को चेताया है कि जब तक वह प्रकृति और देव आदेशों का सम्मान करता रहेगा, तब तक देवभूमि हिमाचल पर कोई आंच नहीं आएगी।

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