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December 20, 2025
हिमाचल: बिन मां-बाप पशुओं संग झोंपड़ी में रहने को मजबूर 4 मासूम, अब CM सुक्खू बनेंगे इनका सहारा
सीएम सुक्खू ने बच्चों से वीडियो कॉल पर की बात
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चंबा। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला से सामने आई एक तस्वीर मानवता को झकझोर कर देने वाली है। यहां चार नाबालिग पिछले तीन सालों से बिना माता पिता के टूटी फूटी झोंपड़ी में रहने को मजबूर हैं। इन बच्चों के सिर पर ना तो पूरी छत है, ना भरपेट खाना। कपड़ों और बिस्तर के नाम पर भी ऐसा कुछ नहीं है, जो इन्हें इन सर्द रातों में ठंड से बचा सके।
पिछले तीन साल से सरकार की अनदेखी झेल रहे इन चारों मासूमों की शायद अब जिंदगी बदल जाए। मामला उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इन बच्चों की मदद को हाथ बढ़ाए हैं। सीएम सुक्खू ने खुद इन बच्चों से वीडियो कॉल पर बात की है।
दरअसल यह चारों नाबालिग बच्चे चंबा जिला की ग्राम पंचायत भजोत्रा के मटवाड़ गांव के रहने वाले हैं। करीब पांच साल पहले इन बच्चों का जीवन भी खुशहाल था। लेकिन अचानक चार साल पहले पिता की मौत हो गई। उसके करीब एक साल बाद उनकी मां ने दूसरी शादी कर ली और चारों नाबालिग बच्चों को अकेला छोड़ कर चली गई। उसके बाद से करीब तीन साल से यह बच्चे अब अकेले रहने को मजबूर हैं। इन चारों बच्चों में सबसे बड़ी लड़की निशा देवी मात्र 17 साल की है। उसके भाई संतोष 15 वर्ष है। उससे छोटी बहन मीना देवी 11 साल की है और सबसे छोटा भाई आठ वर्ष का है।
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इन चारों नाबालिगों के पास ना रहने को घर है और ना ही खाने को भरपेट खाना। यह बच्चे एक झोंपड़ी में रहते हैं, जहां एक तरफ मवेशी बंधे हैं और दूसरे कोने में यह लोग रहते और सोते हैं। निशा और संतोष कभी कभार छोटा मोटा काम कर लेते है, जिससे आने वाले पैसे से उन्हें खाना मिलता है। इन बच्चें की पढ़ाई भी छूट चुकी है। बड़ी बात यह है कि पिछले तीन साल से इन बच्चों को कोई भी सरकारी सहायता भी नहीं मिली।
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इस सब के बीच किसी ने इन बच्चों का ठंड से ठिठुरने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वहीं मीडिया में इन बच्चों की हालत को प्रमुखता से उठाया गया। जिसके चलते अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस पर संज्ञान लिया है और इन बच्चों से खुद वीडियो कॉल पर बात की है। सीएम सुक्खू ने कहा कि इन बच्चांे को सुख आश्रय योजना के तहत लाभांवित किया जाएगा।
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सीएम सुक्खू ने बच्चों की आगे की पढ़ाई करवाने का भी फैसला लिया है। उन्होंने कहा है कि इन बच्चों की शिक्षा से लेकर रहने और खाने का सारा खर्च सरकार उठाएगी। बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा और उनके लिए पक्के घर का निर्माण भी किया जाएगा। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के सभी अनाथ बच्चे सरकार के हैं। सरकार उनकी शिक्षा से लेकर रहने खाने और आगे बढ़ने तक का खर्च उठाएगी। इन चारों बच्चों को भी इसी के तहत मदद की जाएगी।
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इस संबंध में पंचायत सचिव चमन शर्मा ने बताया कि इन बच्चों के पिता के नाम पर पहले से आवास स्वीकृत था, लेकिन इसी बीच उनका निधन हो गया और उनके चारों बच्चे नाबालिग हैं। नाबालिग होने के चलते नियमों के तहत उनके नाम पर मकान का निर्माण नहीं हो सका। इसी वजह से आज भी इन बच्चों का मकान कच्चा है और वे पक्के आवास से वंचित हैं।