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December 20, 2025

धर्मशाला लैंड स्कैम में अब ED की एंट्री: नेता-बिजनेसमैन सब नपेंगे, ब्लैक मनी से जुड़े तार

5–6 साल के जमीन सौदों की परत-दर-परत जांच जारी

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dharamshala land scam

कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा स्थित धर्मशाला में हुए सरकारी जमीन स्कैम में एक नया मोड़ सामने आया है। इस बेहद गंभीर मामले में अब ED की एंट्री हो चुकी है। जिसके बाद प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। शुरुआती संकेत मिल रहे हैं कि यह घोटाला सिर्फ फर्जी इंतकाल तक सीमित नहीं रहा, बल्कि के पीछे मनी लॉंड्रिंग और क्रिप्टो करेंसी के जरिए काले धन के इस्तेमाल की परतें भी जुड़ी हो सकती है। 

नगरोटा बगवां के क्रिप्टो केस से जुड़े तार

सूत्रों के अनुसार कांगड़ा जिले के नगरोटा बगवां में हाल ही में सामने आए क्रिप्टो घोटाले में ED की कार्रवाई के दौरान कुछ अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं। इन दस्तावेजों के तार अब धर्मशाला के जमीन घोटाले से भी जुड़े नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि सरकारी जमीन को निजी हाथों में देने के लिए क्रिप्टो करेंसी के जरिए ही फंडिंग की गई है। 

 

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35 में से 9 फर्जी इंतकाल रद्द

बता दें कि धर्मशाला में 35 ऐसे फर्जी इंतकाल बनाए गए है, जिसमें सरकारी जमीन बेची गई है। मामला 2019 से 2021 के बीच का बताया जा रहा है। जिसमें नियमों को ताक पर रखकर ये इंतकाल किए गए हैं। वहीं, इस मामले में जानकारी देते हुए तहसीलदार धर्मशाली गिरीराज ठाकुर ने बताया कि 9 इंतकालों को रद्द कर दिया गया है और संबंधित जमीन को दोबारा से सरकार के नाम पर दर्ज करवा दिया गया है। 

 

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जमीन सौदों की परत-दर-परत जांच

ED की एंट्री के बाद अब धर्मशाला क्षेत्र में पिछले पांच से छह वर्षों के दौरान हुए बड़े जमीन सौदों की जांच शुरू कर दी गई है। एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि जिन लोगों ने करोड़ों की जमीन खरीदी, उनकी आय का स्रोत क्या था। कई खरीदारों की घोषित आय को संदिग्ध माना जा रहा है।

विदेश से फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग का एंगल

जांच एजेंसियों को संकेत मिले हैं कि इस घोटाले में केवल स्थानीय पैसा ही नहीं, बल्कि बाहर से आए फंड का भी इस्तेमाल हो सकता है। चकवन घन्यारा, मोहली लाहड़ां दी और ठेहड़ जैसे इलाकों में हुई जमीन हेराफेरी को बिना किसी बड़े नेटवर्क के संभव नहीं माना जा रहा। मनी लॉन्ड्रिंग एंगल पर भी जांच तेज कर दी गई है।

 

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बड़े नाम आ सकते है सामने

रद्द किए गए 9 इंतकालों से जुड़ी पूरी जानकारी फिलहाल गोपनीय रखी गई है। सूत्रों का कहना है कि इस घोटाले में जिले के कुछ प्रभावशाली लोगों की भूमिका की भी जांच हो रही है। ऐसे में आने वाले दिनों में यह मामला बड़ा प्रशासनिक और राजनीतिक बवाल खड़ा कर सकता है।

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