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September 17, 2025
आपदाग्रस्त हिमाचल को छोड़ सीएम सुक्खू लंदन हुए रवाना, पांच दिन बाद होगी वापसी !
सीएम सुक्खू बेटी के एडमिशन के लिए लंदन रवाना
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शिमला। हिमाचल प्रदेश को इस समय भारी प्राकृतिक आपदा ने चारों तरफ से घेरा हुआ है। प्रदेश पर आई इस विपदा के बीच मुख्यमंत्री कई बार दिल्ली की दौड़ लगा चुके हैं। उनके दिल्ली और राहुल गांधी की रैली के लिए बिहार दौरे पर विपक्ष यानी भाजपा ने कई बार सवाल खड़े किए थे। इन सब के बीच अब एक बार फिर हिमाचल के सीएम सुक्खू पांच दिन के लिए हिमाचल से बाहर जा रहे हैं।
दरअसल सीएम सुक्खू आज दोपहर बाद शिमला से दिल्ली रवाना हो गए हैं। वह दिल्ली से सीधे लंदन जाएंगे। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अपनी बड़ी बेटी के उच्च शिक्षा के लिए लंदन जा रहे हैं, जहां वे उसके एडमिशन से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी करेंगे। मुख्यमंत्री के इस दौरे को लेकर जहां सरकारी हलकों में इसे व्यक्तिगत पारिवारिक यात्रा बताया जा रहा है, वहीं विपक्ष ने इसे मौजूदा आपदा प्रबंधन की गंभीरता से जोड़ते हुए सियासी हमले तेज कर दिए हैं।
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प्रदेश में पिछले 48 घंटों से मूसलाधार बारिश और भूस्खलन से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। भारी तबाही में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 2 लोग अभी भी लापता हैं। बारिश से जुड़े हादसों और प्राकृतिक आपदा से कुल मिलाकर इस मानसून में 417 लोगों की जान जा चुकी है और हजारों मकान व ढांचागत संपत्ति को नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को दिल्ली रवाना होने से पहले एक वर्चुअल बैठक कर राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की, लेकिन उसके कुछ ही घंटों बाद उनका लंदन रवाना होना अब सियासी चर्चा का विषय बन गया है।
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भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि जब पूरा प्रदेश आपदा से जूझ रहा है, तब मुख्यमंत्री का विदेश दौरे पर जाना संवेदनहीनता की मिसाल है। पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि हजारों लोग बेघर हो चुके हैं, गांवों के गांव कट चुके हैं, सड़कें ध्वस्त हैं, और सीएम साहब विदेश यात्रा पर हैं। यह हिमाचल के लोगों के साथ अन्याय है। बेटी की पढ़ाई जरूरी हो सकती है, लेकिन प्रदेशवासियों की सुरक्षा और राहत कार्यों की निगरानी सर्वोपरि होनी चाहिए।
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सीएम सुक्खू ने अपने दिल्ली रवाना होने से पहले समीक्षा बैठक में बताया कि इस मानसून सीजन में प्रदेश में सामान्य से 45 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। अकेले सितंबर में यह आंकड़ा 136 फीसदी के पार पहुंच गया। भारी बारिश, बादल फटने और भू.स्खलनों के चलते अब तक 4582 करोड़ से अधिक की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। इस दौरान प्रदेश भर में 1502 मकान पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं। वहीं 6467 मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। वहीं 6316 गौशालाएं और 594 दुकानें भी प्रभावित हुई हैं।
राज्य में सेब सीजन अपने अंतिम चरण में है और इस वक्त कई सड़कों के टूटने से बागवानों की परेशानी बढ़ गई है। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सेब बहुल इलाकों की सड़कें प्राथमिकता के आधार पर बहाल की जाएं ताकि बागवानों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके।