#विविध
July 11, 2025
हिमाचल में अब घर बैठे ऑनलाइन होगी जमीन- घर की रजिस्ट्री, नहीं लगाने पड़ेंगे दफ्तरों के चक्कर
सरल हिंदी भाषा में होगी नई जमाबंदी, उर्दू, फारसी और अरबी शब्दावली हटाई
शेयर करें:
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक बड़ी पहल करते हुए राज्य में जमीन और घर की रजिस्ट्री की प्रक्रिया को अब पूरी तरह डिजिटल कर दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को "माय डीड" पेपरलेस ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सेवा का शुभारंभ किया। इस सेवा के शुरू होने से अब आम नागरिकों को रजिस्ट्री कराने के लिए राजस्व कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। वे घर बैठे ही ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे और तय समय पर स्लॉट बुक कर रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी कर पाएंगे।
सीएम सुक्खू ने कहा कि इस प्रक्रिया के बाद अब लोगों को अपनी भूमि की रजिस्ट्री करवाने के लिए केवल एक बार कार्यालय जाना होगा। वे किसी भी समय और कहीं से भी भूमि पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकेंगे, जिससे उनका समय और श्रम बचेगा।
पहले चरण में यह सुविधा हिमाचल के 10 जिलों के 10 सब.रजिस्ट्रेशन कार्यालयों में शुरू की गई है। इनमें बिलासपुर सदर, चंबा के डलहौजी, हमीरपुर के गलोड़, कांगड़ा के जयसिंहपुर, कुल्लू के भुंतर, मंडी के पद्दर, शिमला के कुमारसैन, सिरमौर के राजगढ़, सोलन के कंडाघाट और ऊना के बंगाणा कार्यालय शामिल हैं।
यह भी पढ़ें : खालिस्तानी संगठन ने कॉल कर सीएम सुक्खू और कांग्रेस विधायक को दी ध*म*की; जानें क्या कहा
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि पहले लोगों को तहसीलदार और पटवारी की अनुपस्थिति में पूरे दिन दफ्तर में बैठना पड़ता था। इतना ही नहीं मकान और जमीन की रजिस्ट्री के लिए दफ्तरों के कई चक्कर लगाने पड़ते थे। लेकिन अब ऑनलाइन व्यवस्था से यह परेशानी खत्म होगी। साथ ही, म्यूटेशन (नामांतरण) प्रक्रिया भी जल्द ऑनलाइन की जा रही है, जिससे लोगों को और राहत मिलेगी।
इस अवसर पर सीएम ने ई-जमाबंदी, ई-रोजनामचा व कारगुजारी प्रणाली की भी शुरुआत की। नई जमाबंदी को अब सरल हिंदी में उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे आम लोग आसानी से भूमि रिकॉर्ड समझ सकें। पुरानी उर्दू, फारसी और अरबी शब्दावली को हटाया गया है। ई-रोजनामचा से पटवारियों को प्रतिदिन की गतिविधियों का डिजिटल रिकॉर्ड रखने में मदद मिलेगी, वहीं कारगुजारी प्रणाली के माध्यम से वे अपनी उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज कर सकेंगे।
यह भी पढ़ें : कंगना का सियासी विस्फोट: 8वीं फेल नेता चला रहे ब्यूरोक्रेट, सत्ता पक्ष-विपक्ष मिलकर करते हैं पार्टी
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 15 दिनों के भीतर ऑनलाइन राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली और म्यूटेशन मॉड्यूल तैयार किया जाए, जिसे जमाबंदी रिकॉर्ड से जोड़ा जा सके। इससे याचिकाएं, समन और अपडेट डिजिटल माध्यम से प्राप्त होंगे और न्यायिक प्रक्रिया तेज होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य राजस्व सेवाओं को पेपरलेस, प्रजेंसलेस और कैशलेस बनाकर पारदर्शी व जवाबदेह प्रशासन देना है। इन डिजिटल सुधारों से आम जनता को तेजी से राहत मिल सकेगी।