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July 15, 2025

हिमाचल को राहत: केंद्र की मोदी सरकार ने जारी किया करोड़ों का बजट, जानें कहां होगा खर्च

लंबे समय से रूका था पैसा, सुक्खू सरकार जल्द जारी करने की उठा रही थी मांग

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Modi govt Relief Himachal Govt

शिमला। हिमाचल प्रदेश में स्कूली बच्चों के पोषण के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी राहत प्रदान की है। प्रधानमंत्री पोषण योजना (मिड-डे मील योजना) के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली किस्त जारी कर दी गई है। इस बार प्रदेश को कुल 2665.63 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई है, जिसमें केंद्र का 90 प्रतिशत और राज्य सरकार का 10 प्रतिशत अंशदान रहेगा।

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बच्चों को मिलेगा पोषण आहार

इस राशि में 228.20 करोड़ रुपए हिमाचल सरकार की हिस्सेदारी होगी, जिसे राज्य द्वारा अलग से जारी किया जाएगा। लंबे समय से लंबित इस ग्रांट के जारी होने से अब राज्य के सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिलने वाले मध्याह्न भोजन में किसी प्रकार की रुकावट नहीं आएगी। बता दें कि पीएम पोषण योजना के तहत प्राइमरी और अपर प्राइमरी कक्षाओं के लिए 1998.47 करोड़ रुपए केंद्र से प्राप्त हुए हैं। वहीं, बाल वाटिका (प्री.नर्सरी वर्ग) के लिए अलग से 267.16 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। इनमें हिमाचल का अंशदान क्रमशः 201.61 करोड़ (प्राइमरी अपर प्राइमरी) और 26.59 करोड़ रुपये (बाल वाटिका) रहेगा।

 

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बजट का वर्गीकरण

प्राइमरी और अपर प्राइमरी के लिए प्राप्त बजट को विभिन्न मदों में बांटा गया है

  • खाद्यान्न वस्तुएं: ₹71.04 करोड़
  • सामग्री लागत: ₹1358.98 करोड़
  • रसोइयों का मानदेय: ₹455.53 करोड़
  • यातायात व्यय: ₹56.1 करोड़
  • प्रबंधन एवं मूल्यांकन: ₹56.91 करोड़

इसी प्रकार बाल वाटिका के लिए:

  • खाद्यान्न: ₹11.85 करोड़
  • सामग्री लागत: ₹239.31 करोड़
  • यातायात: ₹8.98 करोड़
  • प्रबंधन एवं मूल्यांकन: ₹7.2 करोड़
  • लंबे समय से रुका था बजट, अब राहत

लंबे समय से रूका था बजट

सूत्रों के अनुसार यह बजट काफी समय से लंबित था और हिमाचल सरकार इस मुद्दे को लगातार केंद्र सरकार के समक्ष उठा रही थी। अब केंद्र की ओर से राशि जारी होने के बाद प्रदेश के करीब 5.50 लाख विद्यार्थियों और 50 हजार बाल वाटिका के बच्चों को नियमित रूप से पौष्टिक भोजन मिल सकेगा।

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शिक्षा विभाग ने जताया संतोष

शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस फैसले पर संतोष जताते हुए कहा है कि इससे बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार होगा और स्कूलों में उपस्थिति दर भी बढ़ेगी। विभाग का कहना है कि अब जिलों को शीघ्र बजट हस्तांतरित किया जाएगा, ताकि स्कूल स्तर पर किसी प्रकार की देरी न हो।

 

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राज्य के दूरदराज के इलाकों में पढ़ रहे हजारों बच्चों के लिए यह बजट एक राहत की सांस लेकर आया है। अब न सिर्फ उन्हें समय पर भोजन मिलेगा, बल्कि यह उनके शारीरिक और मानसिक विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा। साथ ही, इस योजना के प्रभावी कार्यान्वयन से हिमाचल प्रदेश स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में एक बार फिर अग्रणी राज्यों की कतार में आ सकता है।

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