#विविध

April 26, 2025

72 घंटे से पाकिस्तान के कब्जे में BSF जवान- छोड़ने को तैयार नहीं, मां बोली- बेटे को टॉर्चर मत करना

परिवार बेहाल- DG ने गृह मंत्रालय से लगाई गुहार

शेयर करें:

 Ferozepur border incident

नई दिल्ली। पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में भारत-पाक सीमा पर तैनात BSF जवान पीके साहू 72 घंटे से पाकिस्तानी रेंजर्स की हिरासत में हैं। बुधवार को गलती से जीरो लाइन पार करने के बाद उन्हें पकड़ लिया गया था। तब से अब तक भारत-पाक के बीच तीन फ्लैग मीटिंग हो चुकी हैं, लेकिन पाकिस्तान ने जवान को लौटाने से इनकार कर दिया है।

पाकिस्तान की जिद, "हाईकमान की मंजूरी तक नहीं छोड़ेंगे"

पाकिस्तानी अधिकारियों ने भारत को साफ कहा है कि जब तक उन्हें इस मामले में ऊपर से आदेश नहीं मिलते, तब तक जवान को रिहा नहीं किया जाएगा। भारतीय सीमा पर निगरानी में तैनात जवान पीके साहू का मामला अब संवेदनशील हो गया है क्योंकि इसी हफ्ते कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था, जिसने दोनों देशों के रिश्तों में नई तल्खी ला दी है।

 

यह भी पढ़ें : ठेकेदारों को अगले 5 दिन में होंगे सारे लंबित भुगतान; सीएम सुक्खू ने दिए निर्देश

गृह सचिव से DG BSF ने की बात

BSF के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने शुक्रवार शाम को केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन से बात की है। बताया जा रहा है कि रिहाई को लेकर उच्च स्तरीय राजनयिक प्रयास तेज़ कर दिए गए हैं।

परिवार की अपील: बस हमारा बेटा सुरक्षित लौट आए

कोलकाता के हुगली ज़िले के रहने वाले पीके साहू के परिजनों की हालत बेहद खराब है। मां देवंती देवी और पिता भोलेनाथ साहू ने कहा, "हमें सिर्फ यही चाहिए कि हमारा बेटा सही सलामत वापस आए। उसे टॉर्चर ना किया जाए।" उनकी पत्नी रजनी साहू ने कहा, "मैंने आखिरी बार उनसे मंगलवार की रात बात की थी। अब बस उनकी एक झलक चाहिए।"

 

यह भी पढ़ें : पहलगाम घटना के बाद हिमाचल की सरहद अलर्ट मोड पर, हर संदिग्ध पर पैनी नज़र- हाई अलर्ट जारी

कैसे हुआ हादसा

23 अप्रैल को सुबह ममदोट सेक्टर में खेतों में गेहूं कटाई चल रही थी। फेंसिंग गेट नंबर 208/1 के पास किसान अपनी मशीन लेकर पहुंचे थे। किसानों के साथ 2 जवान निगरानी पर थे। इसी दौरान पीके साहू की तबीयत बिगड़ी और वे पेड़ के नीचे बैठने चले गए। वह पेड़ सीमा के दूसरी ओर था। तभी पाक रेंजर्स ने उन्हें पकड़ लिया और हथियार भी ले लिए।

फ्लैग मीटिंग से कोई नतीजा नहीं निकला

BSF अधिकारियों ने पहले दिन से पाकिस्तान के साथ फ्लैग मीटिंग शुरू कर दी थी। अब तक तीन बैठकें हो चुकी हैं लेकिन पाकिस्तानी रेंजर्स अड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि जवान की रिहाई तभी होगी जब इस पर इस्लामाबाद से स्पष्ट आदेश मिलेगा।

यह भी पढ़ें : हिमाचल : सोने की तैयारी में था परिवार, बेटे को लगा करंट का झटका और निकल गए प्राण

31 मार्च को ड्यूटी पर लौटे थे, अब बेसुध है परिवार

करीब 40 साल के पीके साहू छुट्टी के बाद 31 मार्च को ही ड्यूटी पर लौटे थे। वे 17 साल से BSF में सेवा दे रहे हैं। उनके साथ उनकी पत्नी, बेटा और माता-पिता रहते हैं। घटना के बाद से पत्नी रजनी बार-बार बेहोश हो रही हैं।

क्या है जीरो लाइन और इसका प्रोटोकॉल

भारत-पाक सीमा की जीरो लाइन वह जगह है जहां दोनों देशों की ज़मीनें बहुत पास होती हैं। कई बार भारतीय किसानों की ज़मीन फेंसिंग के पार होती है, लेकिन वह भारत का ही हिस्सा होती है। BSF के जवान इन किसानों की सुरक्षा के लिए वहां तैनात रहते हैं। नियमों के अनुसार, अगर कोई जवान गलती से सीमा पार कर ले, तो उसे आमतौर पर 24 घंटे के भीतर लौटा दिया जाता है। लेकिन इस बार मामला बदल गया है।

पेज पर वापस जाने के लिए यहां क्लिक करें

Related Tags:
ट्रेंडिंग न्यूज़
LAUGH CLUB
संबंधित आलेख