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November 10, 2025
कुल्लू दशहरा विवाद: देव समाज का विशाल प्रदर्शन, सड़कों पर उतरे हजारों लोग; रखी ये मांग
लोगों ने सरकार प्रशासन और तहसीलदार के खिलाफ की नारेबाजी
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कुल्लू। अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के पहले दिन 2 अक्टूबर को हुई एक विवादित घटना का गुस्सा सोमवार को देव समाज द्वारा भारी प्रदर्शन में बदल गया। देव समाज संघर्ष समिति के बैनर तले आयोजित इस प्रदर्शन में हजारों लोगों ने भूतनाथ पुल से उपायुक्त कार्यालय तक रैली निकालकर सरकार, प्रशासन और तहसीलदार हरि सिंह यादव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस प्रदर्शन में देव समाज के हजारों लोग शामिल हुए और जमकर नारेबाजी की। देव समाज ने तहसीलदार का तुरंत कुल्लू से बाहर तबादला की मांग की है।
दशहरे के पहले दिन, देव समाज का आरोप है कि तहसीलदार हरि सिंह यादव देवता भृगु ऋषि के अस्थायी शिविर में जूते पहनकर पहुंचे, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। देव समाज का कहना है कि यह कृत्य उनकी आस्था और परंपराओं के खिलाफ था। इस पर तीव्र विरोध जताते हुए देवलुओं ने तहसीलदार को अस्थायी शिविर तक घसीटते हुए ले जाना पड़ा। तहसीलदार ने बाद में माफी मांगी, लेकिन उनके द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया, जबकि देव समाज की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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देव समाज ने प्रदर्शन के दौरान तहसीलदार के तत्काल निलंबन और उनके स्थानांतरण की मांग की। संगठन के नेताओं ने कहा कि तहसीलदार ने दशहरे जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर पर देवताओं के प्रति अभद्रता की, और ऐसे अधिकारियों को प्रशासन में स्थान नहीं मिलना चाहिए। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि पिछले वर्षों 2023 और 2024 में भी तहसीलदार पर इसी तरह के आरोप लगे थे, लेकिन प्रशासन ने ठोस कार्रवाई नहीं की। इस बार देव समाज ने जोर देकर कहा कि धार्मिक भावनाओं की अवहेलना बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
घटना के दौरान पुलिस की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए गए। तहसीलदार हरि सिंह यादव के परिवार ने मीडिया के सामने आरोप लगाए कि मेले में लगभग 1200 पुलिस जवान तैनात थे, फिर भी किसी ने भी समय रहते हस्तक्षेप नहीं किया। पुलिस ने सात देव समाज के सदस्यों को गिरफ्तार किया था, जिन्हें बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया।
इस विवाद ने कुल्लू दशहरा जैसे प्रतिष्ठित त्योहार के माहौल को प्रभावित किया है। देव समाज ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि धार्मिक आयोजनों के समय अधिकारियों की संवेदनशीलता की कमी और न्यायिक ढील से समाज में गहरी नाराजगी पैदा होती है। प्रशासन ने जांच का आश्वासन दिया है और कहा है कि सभी पक्षों की बात सुनकर निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय लोगों का कहना है कि दशहरे जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक अवसर पर प्रशासन को सतर्क रहना चाहिए और धार्मिक भावनाओं की रक्षा करनी चाहिए।
कुल्लू दशहरा विवाद ने एक बार फिर धार्मिक आस्था और प्रशासनिक जिम्मेदारी के बीच टकराव को उजागर किया है। देव समाज का गुस्सा और विशाल प्रदर्शन यह संकेत देते हैं कि यदि प्रशासन और अधिकारी संवेदनशील नहीं होंगेए तो ऐसी घटनाएं भविष्य में भी समाज में तनाव पैदा कर सकती हैं।