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April 27, 2025
सिंधु जल संधि रद्द होने के बाद अब पाकिस्तान पर हिमाचल फोड़ेगा ये वॉटर बम, बना धांसू प्लान
बूंद-बूंद को तरसेगा आतंकियों का पनाहगार देश
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शिमला। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता रद्द करने के बाद पड़ोसी देश पर वॉटर बम फोड़ने का धांसू प्लान हिमाचल में बन गया है। प्लान के मुताबिक हिमाचल प्रदेश से सतलुज के पानी को सरस्वती नदी में लाने की तैयारी शुरू हो गई है।
हरियाणा स्पेस सेंटर के निदेशक सुल्तान सिंह और सेंट्रल वॉटर कमीशन के डिप्टी डायरेक्टर पी दोरजे ज्यांबा ने मिलकर यह प्लान बनाया है। दोनों ने रविवार को सरस्वती नदी बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन धूमन सिंह किरमच से वर्चुआल मीटिंग की। सुल्तान सिंह और पी दोरजे ज्यांबा ने हिमाचल की नदियों पर सालों तक काम किया है।
सिंधु जल समझौता रद्द होने से पाकिस्तान के सामने अभी से पानी का भयंकर संकट पैदा हो गया है। अब आतंकवाद समर्थक पाकिस्तान पर वॉटर बम फोड़ने का नया प्लान यह है कि सतलुज के पानी को सोलन या बिलासपुर से होते हुए नाहन और शिमला के बाद टौंस नदी में डाला जा सकता है। फिर उसी पानी को सरस्वती नदी में मोड़ने की योजना है। इससे सिंधु नदी में मिलने वाली सतलुज नदी के पानी का बंटवारा हो जाएगा, जिससे सिंधु नदी तक कम पानी पहुंचेगा और पाकिस्तान के लोगों और किसानों के सामने पीने और सिंचाई के लिए पानी की भयंकर किल्लत पैदा हो जाएगी।
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सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज के पानी को हरियाणा, पंजाब, और राजस्थान की नादियों में बांटा जा सकता है। इस पूरी प्लानिंग को जल्दी ही विभिन्न प्रदेश की सरकारों के सामने रखा जाएगा। सरस्वती नदी बोर्ड के अनुसार, भारत में विलुप्त हो चुकी इस नदी के उद्गम स्थल आदि बद्री पर डैम बनाने का काम पहले से ही चल रहा है।
अब हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर से सतलुज और शिवालिक के कैचमेंट में आने वाली नदियों के पानी को भी भी इसी बांध के रास्ते सरस्वती में मिलाने की योजना है। इससे बरसात के मौम में 400 किलोमीटर तक नजर आने के बाद लुप्त होने वाली सरस्वती नदी में सालभर पानी रहेगा।
सतलुज का पानी हिमाचल से होते हुए हरियाणा की शिवालिक रेंज तक आता है। इस पानी को सरस्वती बोर्ड सोलन से चैनल बनाकर सोम नदी के माध्यम से लाएगा। इसके लिए बिलासपुर के पास छिलोर गांव में 350 एकड़ में झील बनाने का काम शुरू हो चुका है।