#विविध

September 26, 2025

हिमाचल को राहत: केंद्र की मोदी सरकार ने जारी की करोड़ों की पहली किस्त, जानें कहां होगी खर्च

केंद्र ने 15वें वित्त आयोग अनुदान की जारी की पहली किस्त

शेयर करें:

Modi govt 68 crore hp

शिमला। हिमाचल प्रदेश की ग्रामीण पंचायतों के लिए राहत भरी खबर है। ग्रामीण विकास को गति देने के लिए केंद्र सरकार ने 15वें वित्त आयोग के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए असंबद्ध अनुदान (Un­tied Grants) की पहली किस्त जारी कर दी है। इस क्रम में हिमाचल प्रदेश को 67.955 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह राशि प्रदेश की सभी 12 जिला परिषदों, 80 ब्लॉक पंचायतों और 3,576 ग्राम पंचायतों को वितरित की जाएगी।

पंचायत स्तर के कार्यों को मिलेगी गति

इस अनुदान से हिमाचल की पंचायतों को न केवल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का अवसर मिलेगा, बल्कि ग्रामीण स्तर पर पानी, सफाई और अन्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाने में भी मदद मिलेगी। ग्रामीण निकाय इन निधियों का उपयोग संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में दर्ज 29 विषयों से जुड़ी स्थान-विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने में कर सकेंगे। इसमें कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, महिला व बाल विकास जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

 

यह भी पढ़ें : हिमाचल: शादी से खुश नहीं थी क्या 25 साल की नवविवाहिता ? खत्म कर लिया अपना जीवन

बिहार और उत्तर प्रदेश को भी अनुदान

हिमाचल के साथ-साथ बिहार को 801.009 करोड़ रुपये और उत्तर प्रदेश को सबसे बड़ी राशि 1548.3836 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। बिहार की 38 जिला पंचायतें, 530 ब्लॉक पंचायतें और 8,046 ग्राम पंचायतें इस अनुदान से लाभान्वित होंगी। वहीं उत्तर प्रदेश में 73 जिला पंचायतें, 813 ब्लॉक पंचायतें और 57,633 ग्राम पंचायतें इसका लाभ उठाएंगी।

 

यह भी पढ़ें : हिमाचल: महिला के आरोप पर बोले SDM, रोजाना करती थी फोन.. घर तक पहुंच गई थी..

अनुदान का उपयोग कैसे होगा?

असंबद्ध अनुदान का उपयोग वेतन और अन्य प्रशासनिक खर्चों को छोड़कर विकास कार्यों में किया जा सकता है। वहीं बंधे हुए अनुदानों का उपयोग विशेष रूप से स्वच्छता, ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन, ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) स्थिति बनाए रखने, पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण जैसी गतिविधियों पर केंद्रित रहेगा।

यह भी पढ़ें : कुल्लू दशहरा में 365 साल बाद ये देवता साहिब होंगे शामिल, 200 KM की पैदल यात्रा करेंगे तय

हिमाचल के लिए बड़ा अवसर

विशेषज्ञों का मानना है कि हिमाचल प्रदेश जैसे पर्वतीय राज्य में इस अनुदान का महत्व और अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि यहां की भौगोलिक परिस्थितियों के चलते बुनियादी सेवाएं पहुंचाना चुनौतीपूर्ण होता है। पंचायतों को मजबूत वित्तीय आधार मिलने से अब स्वच्छ पेयजल, कचरा प्रबंधन और स्थानीय विकास परियोजनाओं पर काम और तेजी से आगे बढ़ सकेगा। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार यह राशि दो किस्तों में जारी की जाएगी और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पंचायतों को इसके उपयोग की पूरी जानकारी साझा करनी होगी।

नोट : ऐसी ही तेज़, सटीक और ज़मीनी खबरों से जुड़े रहने के लिए इस लिंक पर क्लिक कर हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करें

ट्रेंडिंग न्यूज़
LAUGH CLUB
संबंधित आलेख