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July 11, 2025
हिमाचल फ्लड : दर्द से बेखबर 11 महीने की निकिता, आपदा में खोया पूरा परिवार- अब हम बन सकते हैं मददगार
ऑडप्शन के लिए 150 लोगों ने किया था संपर्क
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मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की सराज घाटी इस बार मानसून की मार से सबसे ज्यादा प्रभावित रही है। मगर इस बर्बादी के बीच एक 11 महीने की मासूम बच्ची निकिता की कहानी पूरे प्रदेश को भावुक कर गई है।
गोहर उपमंडल के परवाड़ा गांव में आई फ्लैश फ्लड में जहां निकिता ने अपने माता-पिता और दादी को हमेशा के लिए खो दिया, वहीं वो खुद चमत्कारिक रूप से सुरक्षित बच गई। अब वह अपनी चाची तारा देवी की गोद में पल रही है, जिसने उसे अपनी संतान की तरह पालने की जिम्मेदारी उठाई है।
30 जून की रात जब सराज घाटी में बादल फटा और सैलाब ने गांवों को अपनी चपेट में लिया, तब निकिता के परिवार के सदस्य- पिता रामेश कुमार, मां, और दादी घर के बाहर नाले के पास पानी की दिशा देखने गए थे ताकि घर की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। निकिता उस समय घर में सो रही थी।
दुर्भाग्यवश तीनों परिवारजन उस सैलाब की चपेट में आ गए और बह गए। अब तक सिर्फ उसके पिता का शव बरामद हुआ है, जबकि मां और दादी का पता नहीं चल पाया। अब ना वहां परिवार है और ना ही घर का नामोनिशान।
इस दर्दनाक खबर के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही देशभर से सैकड़ों लोगों ने निकिता को गोद लेने की पेशकश की। लेकिन बच्ची की चाची तारा देवी ने उसे अपने पास रखने का फैसला लिया है। तारा देवी और परिवार के अन्य सदस्यों ने साफ किया है कि वे निकिता को किसी अनजान हाथों में नहीं सौंपेंगे, बल्कि उसे घर के ही माहौल में प्यार और सुरक्षा के साथ बड़ा करेंगे।
निकिता को अस्थायी रूप से बल्ह की SDM स्मृतिका नेगी ने संरक्षण में लिया था। बाद में उसे उसकी चाची तारा देवी को सौंपा गया। प्रशासन की ओर से अब तक ₹25,000 की तत्काल आर्थिक सहायता दी जा चुकी है, जबकि और भी सहायता राशि जल्द ट्रांसफर की जा रही है।
निकिता के नाम से एक विशेष बैंक खाता खोला गया है, जिसमें सरकारी मुआवजा और सार्वजनिक दान जमा किए जाएंगे। यह पैसा निकिता की शिक्षा और भविष्य के लिए संरक्षित रहेगा और 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर ही इसका उपयोग संभव होगा। इसकी निगरानी जिला बाल संरक्षण इकाई (DCPO मंडी) द्वारा की जाएगी।
SDM ने बताया कि अब तक 150 से अधिक लोगों ने आर्थिक सहायता या अडॉप्शन के लिए संपर्क किया है। प्रशासन ने दो बैंक खातों की जानकारी साझा की है- जहां आम लोग भी दान कर सकते हैं:
निकिता आज भले ही अपनों से बिछड़ गई है, लेकिन समाज का साथ और चाची का प्यार उसकी नई ताकत बन गया है। प्रशासन की अपील है कि "लोगों का छोटा सा योगदान इस मासूम का संपूर्ण जीवन संवार सकता है।" निकिता अब सिर्फ एक परिवार की नहीं, पूरे प्रदेश की जिम्मेदारी बन चुकी है।