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September 13, 2025
सुक्खू सरकार स्वास्थ्य विभाग में करने जा रही है बंपर भर्ती, 600 से अधिक को मिलेगी सरकारी नौकरी
पहली बार विशेषज्ञ चिकित्सकों का बनेगा अलग कैडर
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में 200 नए चिकित्सकों की नियुक्ति और 683 विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए अलग कैडर गठित करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसके अलावा 400 नर्सों के पद भी भरे जा रहे हैं। यह महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव 15 सितंबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश में लंबे समय से चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे अस्पतालों में शीघ्र नियुक्तियां की जाएं। प्रस्तावित 200 पदों को हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (HPPSC) के माध्यम से भरा जाएगा। गौरतलब है कि पूर्व में भी मंत्रिमंडल ने लगभग 100 चिकित्सकों के पदों को स्वीकृति दी थी, जिनकी प्रक्रिया इस प्रस्ताव को अंतिम मुहर मिलने के बाद शुरू की जाएगी। इन पदों के लिए हिमाचल के साथ-साथ देशभर के एमबीबीएस चिकित्सक आवेदन कर सकेंगे।
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अब तक प्रदेश के विशेषज्ञ चिकित्सकों को अलग से कोई कैडर प्राप्त नहीं था, लेकिन यह व्यवस्था पहली बार लागू की जा रही है। विशेषज्ञ चिकित्सकों का यह नया कैडर उन्हें प्रदेश के जोनल, क्षेत्रीय, जिला अस्पतालों, नागरिक अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) में तैनात करने की राह खोल देगा। पहले विशेषज्ञ डॉक्टर इन संस्थानों में सेवाएं तो दे रहे थे, लेकिन उनके लिए कोई पृथक ढांचा नहीं था, जिससे कार्यप्रणाली में असमंजस और असमानता की स्थिति बनी रहती थी।
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वर्तमान में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय के अधीन लगभग 3100 चिकित्सा अधिकारी कार्यरत हैं। इनमें से करीब एक हजार चिकित्सक पोस्ट ग्रेजुएशन (PG), सीनियर रेजीडेंसी और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों में संलग्न हैं। ऐसे में अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी एक गंभीर समस्या बनी हुई है। सरकार का मानना है कि जैसे-जैसे ये चिकित्सक अपनी उच्च शिक्षा पूरी कर अस्पतालों में लौटेंगे, रिक्त पदों को भरने में मदद मिलेगी।
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नए विशेषज्ञ कैडर की स्थापना के बाद सरकार का उद्देश्य है कि छोटे और दूरदराज के अस्पतालों में भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं उपलब्ध करवाई जा सकें। इससे जहां ग्रामीण इलाकों के लोगों को घर के पास गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी, वहीं रेफरल मामलों की संख्या में भी कमी आएगी।
प्रदेश की विधानसभा में भी विभिन्न विधायकों ने समय-समय पर चिकित्सकों की कमी का मुद्दा उठाया था। कई सदस्यों ने सरकार से यह मांग की थी कि अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों की तैनाती सुनिश्चित की जाए, ताकि आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
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अब सबकी निगाहें 15 सितंबर को होने वाली कैबिनेट बैठक पर टिकी हैं, जहां इस महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की पूरी संभावना है। यदि यह प्रस्ताव पारित होता है, तो प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे में एक नए युग की शुरुआत मानी जाएगी।