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December 11, 2025
हिमाचल : गाय का दूध पीने से लोगों की हुई बुरी हालत - 17 पहुंचे अस्पताल, जानें क्या है पूरा मामला
अचानक बीमार हो गए लोग, मचा इलाके में हड़कंप
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सोलन। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां कोठी देवरा स्कूल के 17 अध्यापक और Bed. प्रशिक्षु संक्रमित गाय का दूध पीने के बाद अचानक बीमार पड़ गए।
यह पूरा मामला सोलन–सुबाथू रोड पर स्थित स्कूल से जुड़ा है, जहां कुछ दिन पहले स्टाफ और प्रशिक्षुओं ने स्थानीय तौर पर लाया गया गाय का दूध पीया था। बाद में पता चला कि उसी गाय को कुछ दिन पहले एक पागल (रेबीज संक्रमित) कुत्ते ने काट लिया था, जिसके बाद उसके व्यवहार में असामान्य लक्षण दिखाई देने लगे थे।
मंगलवार और बुधवार को अचानक बड़ी संख्या में अध्यापक और प्रशिक्षु तबीयत बिगड़ने पर क्षेत्रीय अस्पताल सोलन पहुंच गए। एक साथ इतने लोग आपातकालीन कक्ष में पहुंचे तो अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। पहले तो चिकित्सकों को यह समझ नहीं आया कि आखिर एक ही बैच के इतने लोग अचानक कैसे बीमार हो गए।
पहले चरण के इलाज के बाद जब डॉक्टरों ने सभी से विस्तार से जानकारी ली, तब वास्तविक कारण सामने आया-सभी ने कुछ दिन पहले उसी गाय का दूध पीया था, जिसे एक पागल कुत्ते ने काटा था। दूध जौणाजी क्षेत्र से स्कूल के लिए लाया गया था, जिसे कुल 17 लोगों ने सेवन किया था। सौभाग्य से स्कूल के किसी भी बच्चे ने यह दूध नहीं पिया।
बीमारी के शुरुआती लक्षण मिलने पर अध्यापक और प्रशिक्षु खुद उपचार के लिए अस्पताल पहुंच गए। अस्पताल की आपातकालीन टीम ने तुरंत सभी की जांच की और पोस्ट एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (टीकाकरण) शुरू किया, ताकि किसी भी प्रकार की रेबीज संक्रमण की आशंका को शुरुआत में ही नियंत्रित किया जा सके।
मंगलवार को कई लोगों की तबीयत बिगड़ी थी, जबकि बुधवार को भी कुछ प्रशिक्षु और अध्यापक इलाज के लिए पहुंचे। चिकित्सकों ने सभी को एहतियातन टीकाकरण, दवाइयां और निगरानी में रखा।
डॉ. राकेश पंवार, चिकित्सा अधीक्षक क्षेत्रीय अस्पताल सोलन ने बताया कि आपातकालीन कक्ष में आए 17 सभी लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। उनकी हालत स्थिर है और लगभग सभी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। अब सभी सुरक्षित हैं।
गोपाल चौहान, उपनिदेशक उच्च शिक्षा, सोलन ने कहा कि कोठी देवरा स्कूल के कुछ अध्यापकों और Bed. प्रशिक्षुओं ने अनजाने में एक संक्रमित गाय का दूध पी लिया था। एहतियात के तौर पर सभी को टीकाकरण करवाने की सलाह दी गई है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।
घटना के बाद स्कूल प्रबंधन ने दूध आपूर्ति करने वाले व्यक्ति से भी बात की है और आगे से दूध के स्रोत की जांच सुनिश्चित करने का फैसला लिया है। स्थानीय प्रशासन ने भी चेतावनी दी है कि यदि किसी पशु को संदेहास्पद कुत्ता काट ले, तो उसका दूध या अन्य उत्पाद तुरंत बंद कर देने चाहिए, जब तक कि पशु का चिकित्सकीय परीक्षण न हो जाए।
चिकित्सकों की त्वरित कार्रवाई और समय पर टीकाकरण होने से सभी 17 लोग अब पूरी तरह सुरक्षित हैं। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, किसी में भी गंभीर जटिलता के लक्षण नहीं मिले और आगामी दिनों में भी सभी की नियमित निगरानी की जाएगी।