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November 18, 2025
संजौली मस्जिद मामला फिर गरमाया : महिलाओं समेत 6 पर हुई FIR- विरोध में आमरण अनशन शुरू
संजौली मस्जिद विवाद अचानक पैदा नहीं हुआ, लगभग 16 साल पुरानी कानूनी लड़ाई है
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला एक बार फिर संजौली मस्जिद विवाद की आग में घिर गई है। वर्षों से कानूनी और सामाजिक तनाव का केंद्र बनी यह मस्जिद अब फिर सुर्खियों में है। इसी के विरोध में संघर्ष समिति ने आज से संजौली पुलिस थाने के बाहर आमरण अनशन शुरू करने का ऐलान कर दिया है।
दरअसल, देवभूमि संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के नाम पर उनके छह कार्यकर्ताओं पर FIR दर्ज की है, जो पूरी तरह गलत और पक्षपाती कार्रवाई है।
बीते शुक्रवार, देवभूमि संघर्ष समिति के सदस्यों ने उस मस्जिद में नमाज़ पढ़ने पहुंचे बाहरी राज्यों के मुस्लिमों को अंदर जाने से रोक दिया। उनके अनुसार, चूंकि मस्जिद को अदालत ने अवैध घोषित कर रखा है, इसलिए यहां किसी भी प्रकार की धार्मिक गतिविधि की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
इसी दौरान दोनों समुदायों के बीच बहस हुई लेकिन स्थिति ज्यादा नहीं बिगड़ी। कुछ लोग नमाज पढ़े बिना वापस लौट गए। हालांकि, इसके बाद संजौली पुलिस ने तीन महिलाओं समेत छह लोगों पर FIR दर्ज की, जिसमें धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया गया है।
देवभूमि संघर्ष समिति ने इसे जनता को डराने और सत्य दबाने की कोशिश बताया है। संघर्ष समिति का आरो कि‘अवैध मस्जिद को हटाने का आदेश दिया गया है, फिर भी व्यवस्था जारी है। समिति के सह-संयोजक मदन ठाकुर का कहना है कि संजौली मस्जिद को नगरपालिका आयुक्त कोर्ट और बाद में जिला अदालत दोनों ने अवैध घोषित किया है।
इसके बावजूद प्रशासन ने मस्जिद की बिजली-पानी की सप्लाई नहीं काटी। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद भी निगम द्वारा ढांचा गिराने का आदेश जारी था, लेकिन पूरी कार्रवाई आज तक पूरी नहीं हुई।
मदन ठाकुर ने कहा कि जो ढांचा अदालत द्वारा अवैध घोषित है, उसमें नमाज़ पढ़ने की अनुमति देना, कानून की अवमानना है। और उल्टा समिति के लोगों पर ही FIR दर्ज कर दी गई। संघर्ष समिति ने पुलिस और जिला प्रशासन को 24 घंटे का समय दिया है।
अगर FIR वापस नहीं ली गई, तो यह सिर्फ अनशन नहीं, निर्णायक लड़ाई होगी। इसके आगे की जिम्मेदारी पूरी तरह प्रशासन की होगी। संघर्ष समिति का अनशन आज सुबह 11 बजे संजौली पुलिस थाने के बाहर शुरू हो रहा है।
संजौली मस्जिद विवाद अचानक पैदा नहीं हुआ, इसके पीछे लगभग 16 साल पुरानी कानूनी लड़ाई है। सुनवाई के दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाएं क्रमश-
स्थानीय रेजिडेंट और हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया था कि मस्जिद का निर्माण नगर निगम की अनुमति के बिना किया गया। भूमि वक्फ बोर्ड की नहीं है। निर्माण नियमों का उल्लंघन कर गुपचुप तरीके से ढांचा खड़ा किया गया।
लंबे समय तक यह मामला नगर निगम आयुक्त के समक्ष चलता रहा।
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद ही निगम आयुक्त ने 3 मई 2025 को पूरी मस्जिद को अवैध ठहराते हुए ढांचा हटाने का आदेश दिया।
31 अगस्त 2023 को मैहली क्षेत्र में दो गुटों में झड़प हुई। आरोप है कि कुछ लोग संजौली मस्जिद में छिप गए, जिससे स्थानीय लोगों में नाराज़गी फैली और अगले दिन प्रदर्शन हुए। यह विवाद पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया। 11 सितंबर 2023 को उग्र प्रदर्शन के दौरान पुलिस को वाटर कैनन और बल प्रयोग करना पड़ा। बाद में मस्जिद कमेटी ने अवैध हिस्सों को हटाने की पेशकश की और माहौल शांत हुआ।
5 अक्टूबर को अवैध ऊपरी दो मंजिलों को गिराया गया।
30 अक्तूबर 2025, जिला अदालत ने वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी की अपील खारिज कर दी। निगम आयुक्त का आदेश बरकरार रखा गया कि मस्जिद पूरी तरह अवैध है।
14 नवंबर को कुछ मुस्लिम युवक मस्जिद में नमाज पढ़ने पहुंचे, जिसके बाद संघर्ष समिति ने बाहर के राज्यों से आए लोगों को रोक दिया। स्थानीय महिलाओं ने कहा पहले भी बाहरी लोगों ने माहौल बिगाड़ा था। कुछ लोग कॉलोनी में घरों में ताक-झांक करते थे। इससे महिलाएं असुरक्षित महसूस करती थीं। इसी मुद्दे को लेकर नई चिंगारी भड़क उठी।
हालांकि माहौल संवेदनशील है, लेकिन संघर्ष समिति ने स्पष्ट किया है कि उनका विरोध कानून के दायरे में और शांतिपूर्ण होगा। जिला प्रशासन की कड़ी नजर स्थिति पर बनी हुई है।