#अपराध
February 23, 2025
कांगड़ा FORT के म्यूजियम में चोरी: मैनेजर और सफाई कर्मचारी का कारनामा, महिला भी गिरफ्तार
दोनों ने चुराई चांदी और कई कीमतें चीजें, डिलीट की CCTV फुटेज
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कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के ऐतिहासिक कांगड़ा किले के म्यूजियम में हुए चोरी के मामले को सुलझा लिया गया है। मामले में पुलिस ने म्यूजियम के मैनेजर, सफाई कर्मचारी और एक महिला को गिरफ्तार किया है। इन तीनों ने म्यूजियम की कई बेशकीमती चीजें पर हाथ साफ किया था।
शुरुआती जांच में पाया गया है कि म्यूजियम के मैनेजर राजेश कुमार ने चोरी करने के बाद CCTV फुटेज को डिलीट कर दिया था। इतना ही नहीं उसने म्यूजियम के रिकॉर्ड के साथ भी छेड़छाड़ की है। आरोपी मैनेजर राजेश कुमार कांगड़ा के कॉलेज रोड का रहने वाला है।
फिलहाल, पुलिस टीम द्वारा तीनों आरोपियों के घर की तलाशी की जा रही है ताकि चोरी हुई चीजों को बरामद किया जा सके। पुलिस सफाई कर्मी और उसकी मां से भी गहनता से पूछताछ कर रही है- जिन्होंने मैनेजर के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया है।
आपको बता दें कि चोरी का ये मामला बीते रविवार को सामने आया था। हिमाचल प्रदेश के ऐतिहासिक कांगड़ा किले के म्यूजियम में रविवार रात को चोरों ने बड़ी वारदात को अंजाम दिया। चोरों ने म्यूजियम के एग्जॉस्ट फैन को निकालकर अंदर प्रवेश किया और वहां से चांदी के खड़ाऊ (चांदी की चप्पल) समेत 30 बेशकीमती पुरातन वस्तुएं चुरा लीं।
चोरों ने जिन वस्तुओं की चोरी की है, उनमें राजा-महाराजाओं के समय की पुरानी रिवाल्वर, खड़ाऊ, चांदी के जेवरात, पूंजा का चांदी का कीमती सामान, विभिन्न धातुओं से बनी बेशकीमती वस्तुएं और चांदी की ट्रे शामिल हैं। इन वस्तुओं की असल कीमत का अंदाजा लगाना मुश्किल है, क्योंकि वे अत्यंत दुर्लभ और ऐतिहासिक महत्व की हैं।
बताते चलें कि कांगड़ा किले का ऐतिहासिक म्यूजियम हर साल बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। पर्यटक यहां राजा-महाराजाओं के समय की पुरानी वस्तुएं देखने के लिए आते हैं और टिकट काटकर इन ऐतिहासिक धरोहरों को निहारते हैं। इस म्यूजियम में रखी वस्तुएं न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह प्रदेश के सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा भी हैं।
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कांगड़ा किला कटोच वंश के राजपूत परिवार द्वारा बनवाया गया था और यह प्रदेश में स्थित सबसे बड़ा और भारत में सबसे पुराने किलों में से एक माना जाता है। इस किले ने कई ऐतिहासिक घटनाओं को देखा है। 1615 में मुगल सम्राट अकबर ने इस किले पर घेराबंदी की कोशिश की थी, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया। 1620 में अकबर के पुत्र जहांगीर ने चंबा के राजा को मजबूर करके इस किले पर कब्जा कर लिया था।