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April 20, 2025

750 करोड़ की टैक्स चोरी: हिमाचल सहित इन राज्यों में फैला था नेटवर्क, पंजाबी निकला मास्टरमाइंड

दिनेश के घर से मिली हार्ड डिस्क और खुले कई राज

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gaurav kumar

शिमला। देशभर में तहलका मचाने वाले फर्जी इनकम टैक्स रिफंड घोटाले में बड़ा खुलासा हुआ है। इंदौर आयकर विभाग की छानबीन में सामने आया है कि इस पूरे सिंडीकेट का मास्टरमाइंड पंजाब के फिरोजपुर निवासी गौरव है। गौरव ने इंदौर के पूर्व सैन्यकर्मी दिनेश के ज़रिए हज़ारों नौकरीपेशा लोगों को 10 प्रतिशत कमीशन पर लाखों का फर्जी टैक्स रिफंड दिलवाया। मामले में हिमाचल, जम्मू, दिल्ली और पंजाब तक फैले रैकेट की परतें अब खुलनी शुरू हो गई हैं।

हार्ड डिस्क से खुला राज

दिनेश के घर से मिली हार्ड डिस्क एक्सेस करने के बाद इस गोरखधंधे की जड़ तक पहुंचा गया। जांच में पता चला कि दिनेश लगातार गौरव से संपर्क में था। इंदौर से मिली सूचना पर अमृतसर आयकर विभाग की टीम ने गौरव को फिरोजपुर से हिरासत में लिया। गौरव ने सेना के पूर्व कर्मियों से लेकर नौकरीपेशा तक को इस स्कीम में फंसाया था।

 

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 देवास, जीरापुर से मिली चौंकाने वाली जानकारी

31 जनवरी को इंदौर, देवास और राजगढ़ के जीरापुर में हुई छापेमारी में आयकर विभाग ने दिनेश, नीरज और रफीक को हिरासत में लिया। जीरापुर के एक कियोस्क सेंटर से जब्त की गई हार्ड डिस्क में ऐसे रिकॉर्ड मिले जिनमें देवास के दो कर सलाहकारों ने 4000 से ज्यादा करदाताओं को फर्जी रिफंड दिलवाया था।

हिमाचल, दिल्ली, जम्मू में भी सक्रिय था नेटवर्क

गौरव के पास से बरामद रिकॉर्ड के आधार पर आयकर विभाग की अलग-अलग टीमों ने हिमाचल, जम्मू और दिल्ली में भी छापेमारी की है। इन जगहों पर भी ऐसे करदाता मिले हैं जिन्होंने 75,000 से 1 लाख रुपये तक का बोगस टैक्स रिफंड क्लेम किया था। विभाग के मुताबिक अब तक 1 लाख से ज्यादा लोगों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं।

 

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 बिचौलियों पर होगी सख्त कार्रवाई

इस घोटाले में फंसे करदाताओं को 200 प्रतिशत टैक्स पेनल्टी चुकानी होगी। बिचौलियों पर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 276 और 278 के तहत मुकदमा चलेगा, जिसमें 6 महीने से 7 साल तक की सजा हो सकती है। पीथमपुर निवासी एक व्यक्ति ने गलती मानते हुए पहले ही 4 लाख रुपये पेनल्टी के तौर पर जमा किए हैं।

 

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अब तक 750 करोड़ की टैक्स चोरी का आंकड़ा

अब तक की जांच में 750 करोड़ रुपये से ज्यादा की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है। सिर्फ इंदौर ज़ोन में ही 22 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी गई है। आयकर विभाग इस पूरे सिंडीकेट की परतें खोलने में जुटा है और आने वाले दिनों में और बड़े नाम सामने आने की उम्मीद है।

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