#अपराध
December 1, 2025
हाय हिमाचल तेरा क्या होगा! अब नशा सप्लाई करते पकड़े गए पति-पत्नी, पुलिस ने ऐसे धरा
पति-पत्नी से मिला भारी मात्रा में नशा
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सिरमौर। हिमाचल में नशे का फैलता जाल लगातार चिंता का विषय बनता जा रहा है। पहाड़ी जिलों तक नशा माफिया की पहुंच और सीमावर्ती क्षेत्रों से मादक पदार्थों की तस्करी ने पुलिस के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।
इसी कड़ी में जिला सिरमौर पुलिस की डिटैक्शन सैल को बड़ी सफलता मिली है। नशे के खिलाफ विशेष रूप से गठित इस टीम ने पांवटा साहिब क्षेत्र से एक दंपति को नशे की सप्लाई करते हुए गिरफ्तार किया है।
जानकारी के अनुसार, डिटेक्शन सेल की टीम नियमित गश्त पर कोलर, धौलाकुआं और माजरा इलाके में रवाना थी। इसी दौरान टीम को विश्वसनीय सूचना मिली कि फिरोज खान (33) पुत्र सरवर अली, निवासी भगवानपुर, पांवटा साहिब, और उसकी पत्नी रजिया हरियाणा के यमुनानगर से स्मैक/हेरोइन खरीदकर लाए हैं और इसे अपने घर से बेच रहे हैं।
सूचना की पुष्टि होते ही टीम ने दंपति के घर पर दबिश दी और तलाशी के दौरान दोनों के कब्जे से कुल 15.50 ग्राम स्मैक बरामद की गई। बरामदगी के बाद पुलिस थाना माजरा में NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज कर दंपति को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया।
रविवार को पुलिस ने दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। SP सिरमौर एनएस नेगी ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि दंपति से स्मैक की सप्लाई चेन, उनके संपर्कों और हरियाणा से हिमाचल तक चल रहे नेटवर्क की कड़ियों की जांच की जा रही है।
पड़ोसी राज्यों से सीमाओं के रास्ते आने वाली हेरोइन और चिट्टा की खेप खासकर युवाओं को निशाना बना रही है। पिछले कुछ दिनों में दो युवकों की चिट्टे के ओवरडोज के कारण मौत होने के मामले सामने आए हैं।
पुलिस जांच में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां तस्कर बड़े गिरोहों से कम मात्रा में ड्रग्स खरीदकर अपने घर या किराए के कमरों से सप्लाई का काम करते हैं। इससे न सिर्फ पुलिस की निगरानी चुनौतीपूर्ण हो जाती है, बल्कि स्थानीय स्तर पर युवाओं तक ड्रग्स की पहुंच और आसान हो जाती है। दंपति की गिरफ्तारी से यह साफ होता है कि तस्कर अब पारिवारिक आवरण में छिपकर काम कर रहे हैं, ताकि उन पर शक न हो और पुलिस की नजरें न पड़ें।
सिरमौर पुलिस द्वारा लगातार अभियान चलाए जाने और डिटैक्शन सैल जैसी विशेष टीमों के गठन से कई तस्कर पकड़े गए हैं, लेकिन नशे का नेटवर्क लगातार नए रास्ते ढूंढ रहा है। हरियाणा और उत्तराखंड की सीमाओं से जुड़ा पांवटा साहिब इलाका तस्करों के लिए एक आसान मार्ग बना हुआ है, जिसकी वजह से पुलिस को लगातार चौकसी बढ़ानी पड़ रही है।