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December 1, 2025

आज से माता हिमानी चामुंडा के नहीं होंगे दर्शन : मंदिर के कपाट बंद, जानें कब खुलेंगे

बारिश के कारण इस बार कम दिखे श्रद्धालु

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Shri Adi Himani Chamunda Temple

कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित श्री आदि हिमानी चामुंडा मंदिर के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बुरी खरह हैं। लगभग 10,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित श्री आदि हिमानी चामुंडा मंदिर के कपाट आज से बंद हो गए हैं।

श्री आदि हिमानी चामुंडा मंदिर के कपाट बंद

हर साल 15 नवंबर तक मंदिर बंद कर दिया जाता है, लेकिन मौसम के साफ रहने और चल रहे पुनर्निर्माण कार्य के कारण इस बार कपाट बंद करने की तिथि आगे बढ़ाई गई है। अब मंदिर अगले साल मार्च में नवरात्र के पावन अवसर पर दोबारा खोला जाएगा।

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नए भवन का काम अभी अधूरा

आपको बता दें कि साल 2014 में रहस्यमयी आग ने पूरे मंदिर परिसर को क्षतिग्रस्त कर दिया था, जिसके बाद मंदिर के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई। पैसों की कमी और पहले किए गए कार्य की तकनीकी समीक्षा न होने से पिछले कई साल निर्माण की रफ्तार धीमी रही। हालांकि, इस साल सरकार ने अतिरिक्त धनराशि जारी की, जिसके बाद कार्य में तेजी आई है।

मंदिर के लिए आ रही खास लकड़ी

मंदिर में ट्रिपल-लेयर छत का काम पूरा किया जा चुका है, जबकि मुख्य गर्भगृह और अन्य कक्षों के इंटीरियर का कार्य अभी बाकी है। इसके लिए विशेष डिजाइनदार लकड़ी के पैनल पर्वतीय मार्गों से ढोकर लाए जा रहे हैं। ऊंचाई और कठिन मार्ग के कारण यह प्रक्रिया बेहद चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।

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किन चीजों से सजा मंदिर शिखर?

इस वर्ष मंदिर के शिखर पर नया कलश और सनातन पताका भी स्थापित की गई है। यह कलश विशेष ऑर्डर पर मुरादाबाद में तैयार करवाया गया और इस पर विशेष कोटिंग की गई है ताकि बर्फबारी, नमी और तेज हवाओं के बावजूद इसकी चमक बरकरार रहे।

कलश और सनातन पताका

कलश के शीर्ष पर एविएशन लाइट भी लगाई गई है, जिससे मंदिर अब रात के समय भी दूर-दूर तक दिखाई देता है। ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर के लिए यह लाइट सुरक्षा और पहचान की दृष्टि से अहम मानी जा रही है।

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क्यों रुका मंदिर का काम?

मंदिर परिसर में कार्य कर रही निर्माण टीम और श्रद्धालुओं-दोनों के लिए पानी की उपलब्धता इस समय बड़ी चुनौती बन गई है। ऊंचाई पर मौजूद प्राकृतिक जलस्रोत इस समय लगभग सूख चुके हैं, जिस कारण काम को आगे बढ़ाना मुश्किल हो गया है।

पानी की सबसे ज्यादा समस्या

सामग्री पहुंचाने वाले घोड़े और खच्चरों को भी रास्ते में पानी नहीं मिल पा रहा, जिससे ढुलाई कार्य प्रभावित हो रहा है। तापमान में लगातार गिरावट के बाद हालात और कठिन होते जा रहे हैं, इसलिए निर्माण एजेंसी ने फिलहाल काम रोकने का निर्णय लिया है।

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इस बार कम दिखे श्रद्धालु

मंदिर के कपाट बंद होने से पहले अभी भी श्रद्धालुओं का पहुंचना जारी है, लेकिन इस वर्ष संख्या कुछ कम रही। भारी बारिश के कारण ट्रैक कई दिनों तक फिसलनभरा और कठिन बना रहा, जिससे कई यात्री हिमानी चामुंडा तक नहीं पहुंच पाए।

 

शनिवार को प्रशासनिक अधिकारियों का एक दल भी मंदिर परिसर पहुंचा और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। स्थानीय अधिकारी और कर्मचारी भी कपाट बंद होने से पहले माता के दर्शन करने पहुंचे।

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