#अपराध

July 3, 2025

हिमाचल :  बड़ी बहन का देवर करता था किशोरी के साथ मुंह काला, मिली 20 साल की सजा

अदालत में पेश किए 14 गवाह- डीएनए भी हुआ मैच

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himachal news

शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय, रामपुर (पॉक्सो कोर्ट) द्वारा एक बेहद संतोषजनक फैसला सामने आया है। जहां, एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म के गंभीर मामले में आरोप साबित होने पर दोषी को 20 साल की कठोर सजा और ₹10,000 जुर्माने की सजा सुनाई है।

चार साल में मिला न्याय

जानकारी के अनुसार, मामला साल 2021 का है जब नाबालिग पीड़िता 4 नवंबर को अपने परिवार के साथ एक मेले में गई थी और वह अपने रिश्तेदारों के घर पर रुकी थी।

 

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वहीं, उसी घर में पीड़िता की बड़ी बहन का देवर भी रुका हुआ था। रात के समय आरोपी चुपके से कमरे में घुसा जहां पीड़िता अपने परिवार के साथ सोई थी और उसके विरोध के बावजूद जबरन शारीरिक संबंध बनाए।

मैच हुआ डीएनए

वारदात के कुछ सप्ताह बाद 10 दिसंबर 2021 को आरोपी पीड़िता के घर गया और फिर से उसी प्रकार की वारदात को अंजाम दिया। बाद में पीड़िता की तबीयत बिगड़ने पर उसे शिमला के एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां मेडिकल जांच में उसके गर्भवती होने का पता चला।

 

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जिसके बाद मामला ननखड़ी पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया। मेडिकल जांच के दौरान भ्रूण का डीएनए टेस्ट किया गया, जिसमें आरोपी का डीएनए भ्रूण से मेल खा गया। इससे यह पुष्टि हुई कि आरोपी ही पीड़िता के गर्भ का जैविक पिता है।

बार-बार किया मुंह काला

वहीं, दोषी युवक शिमला जिला के तहत आती ननखड़ी तहसील के करालटा का रहने वाला है। जिसका नाम भजन सिंह उर्फ अंकू, उम्र 21 वर्ष है, जिस पर एक किशोरी से बार-बार दुष्कर्म करने का आरोप था।

 

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सरकार की ओर से इस संवेदनशील मामले की पैरवी उप-जिला न्यायवादी कमल चंदेल ने की, जिन्होंने साक्ष्यों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर अदालत को दोष सिद्ध करने में मदद की।

अदालत में पेश किए 14 गवाह

उप-जिला न्यायवादी कमल चंदेल ने बताया कि, अदालत में कुल 14 गवाहों की गवाही और ठोस वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी करार दिया गया। यह केस विशेष रूप से ‘पॉक्सो एक्ट’ की धारा 6 के तहत चलाया गया, जिसमें नाबालिग के साथ बार-बार यौन शोषण के मामलों में न्यूनतम 20 वर्षों की सजा का प्रावधान है।

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