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April 4, 2025

हिमाचल:विभाग में जो पद ही नहीं, उसी का बना दिया फर्जी नियुक्ति पत्र; जानें कैसे हुआ खुलासा

नियुक्ति पत्र में सील भी हैं, लेकिन गलतियों से पकड़े गए 

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Fake Appointment Lette

शिमला। हिमाचल प्रदेश के कृषि विभाग में जाली नियुक्तियों के एक बड़े फर्जीवाड़े का पता चला है। इसमें अनिश कुमार निवासी कांगड़ा को फर्जी तरीके से क्लर्क की नियुक्ति का एक पत्र संयुक्त निदेशक को मिला है। विभाग के उप सचिव ने पुलिस में इस फर्जी नियुक्ति पत्र की शिकायत दर्ज कराई है। 

 

पत्र में अनिश कुमार निवासी कांगड़ा को कृषि विभाग में क्लर्क की स्थायी नौकरी देने की बात लिखी है। इस नियुक्ति पत्र में कृषि विभाग की सील तक लगी है। लेकिन नियुक्ति पत्र बनाने वाले ने इसमें कई गलतियां की हैं, जिसके चलते यह पकड़ में आ गया। शिमला पुलिस ने बीएनएस की धारा 319(2), 318(4), 336(2) और 336(3) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। इस मामले में विभाग के एक ठेकेदार की संदिग्ध भूमिका बताई जाती है। 

 

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व्हाट्सएप में मिला नियुक्ति पत्र

कृषि विभाग के एक संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी को 19 मार्च के दिन वॉट्सएप पर यह फर्जी नियुक्ति पत्र मिला। यह पत्र उन्हीं के नाम से जारी किया गया था। उसमें अनिश कुमार निवासी कांगड़ा को कृषि विभाग में क्लर्क पद पर स्थायी नियुक्ति देन की बात लिखी गई है। पत्र को देखकर हैरान संयुक्त निदेशक ने विभाग के उप सचिव को पत्र फॉरवर्ड किया। उप सचिव स्तर के अधिकारी ने नियुक्ति पत्र में कई बड़ी गलतियां ढूंढ़ी और पुलिस को शिकायत की।

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क्लर्क का कोई पोस्ट ही नहीं

उप सचिव की शिकायत में कहा गया है कि अनिश कुमार को लोअर डिविजन क्लर्क के पद पर नियुक्ति की गई है, जबकि विभाग में इस तरह का कोई पोस्ट है ही नहीं। इसके लिए जुनियर ऑफिस असिस्टेंट (आईटी) का पोस्ट होता है, एलडीसी का नहीं। यह पद आउटसोर्स पर भरा जाता है, जबकि पत्र में स्थायी नियुक्ति देने की बात कही गई है। हिमाचल सरकार 2007 से तृतीय श्रेणी के पदों को आउटसोर्स से भर रही है।

 

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फर्जी नियुक्ति पत्र में और भी कई गलतियां

पुलिस को शिकायत करने वाले उप सचिव ने इस फर्जी नियुक्ति पत्र में और भी कई गलतियां पाई हैं। पत्र में कृषि विभाग की सील जरूर लगी है, लेकिन उसके साथ "कृषि निदेशालय, कृषि भवन बालूगंज, शिमला" का पता डाला गया है। साथ ही नियुक्ति पत्र में सील के साथ दस्तखत भी किए गए हैं, जबकि विभागीय पत्रों में केवल सील होती है, सिग्नेचर नहीं किए जाते। नियुक्ति पत्र में शिकायतकर्ता को उप सचिव की जगह अवर सचिव लिखा गया है, जबकि पहली नंवबर 2024 में उनका प्रमोशन उप सचिव के रूप में हो चुका है।

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और भी फर्जी नियुक्तियां हुईं

पुलिस को शिकायत करने वाले उप सचिव ने इस तरह की और भी फर्जी नियुक्तियों की आशंका जताते हुए बारीकी से जांच की मांग की है। इस मामले की शिकायत स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो शिमला को भी की गई है। अब शिमला पुलिस फर्जी नियुक्ति करने वाले चेहरों की पहचान करने में जुटी है। अभी तक की जांच में यह सरकारी दस्तावेजों में जालसाजी और धोखाधड़ी के रूप में सामने आ रहा है। इस मामले में कृषि विभाग का काम कर रहे एक ठेकेदार की भूमिका की भी जांच हो रही है। कृषि विभाग ने भी विभागीय स्तर पर जांच शुरू कर दी है।

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