#अपराध
September 22, 2025
शिमला में ईडी की रेड: हवाला के पैसों से बन रहे नालदेहरा में हजारों फ्लैट, जानें कौन है आरोपी
थाईलैंड में 16 करोड़ का विला, हेलिकॉप्टर खरीद भी संदेह के घेरे में
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम ;थ्म्ड।द्धए 1999 के तहत एक बड़ी कार्रवाई करते हुए हिमाचल के शिमला और दिल्ली में फैले छह ठिकानों पर छापेमारी कर 80 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित संपत्तियों का खुलासा किया है। यह कार्रवाई दिल्ली स्थित इम्पीरियल ग्रुप और उससे जुड़े प्रमुख व्यक्तियों मानविंदर सिंह और उनकी पत्नी सागरी सिंह के खिलाफ की गई है, जो हिमाचल प्रदेश के शिमला में एक बड़े रीयल एस्टेट प्रोजेक्ट औरमाह वैली के संचालन से जुड़े हैं।
शिमला के समीप नालदेहरा स्थित रीयल एस्टेट प्रोजेक्ट औरमाह वैली में ईडी ने रेड की थी। जांच में पता पाया गया है कि यहां इम्पीरियल ग्रुप द्वारा लगभग 100 एकड़ ज़मीन पर एक हजार से अधिक फ्लैट बनाए जा रहे हैं। जांच में सामने आया है कि इन आवासीय परियोजना के फ्लैटों के लिए करीब 29 करोड़ रुपये की राशि नकद में हासिल की गई थी। यह सारा पैसा हवाला नेटवर्क और अन्य साधनों से विदेश भेजा जाता था। बाद में उसी पैसे से विदेशों में संपत्ति खरीदी जाती थी, या फिर उस पैसे को दूसरे माध्यम से वापस भारत लाया जाता था। ईडी का कहना है कि प्रमोटर थाईलैंड के कोह समुई में 16 करोड़ रुपये की कीमत वाले विला के मालिक हैं।
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ईडी की जांच में सामने आया है कि मनविंदर सिंह और उनकी पत्नी ने सिंगापुर, दुबई, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड और थाईलैंड में कई कंपनियां, संपत्तियां और बैंक खाते बेनामी तरीके से संचालित किए हैं। सिंगापुर की एरोस्टार वेंचर पीटीई लिमिटेड और दुबई की यूनाइटेड एरोस्पेस डी डब्ल्यू सी एलएलसी जैसी कंपनियों में दोनों की हिस्सेदारी पाई गई है। जांच एजेंसी के अनुसार इन कंपनियों के माध्यम से करोड़ों रुपये के लेनदेन, असुरक्षित ऋण और बेहिसाब वेतन भुगतान किए गए।
एक चौंकाने वाला खुलासा यह भी हुआ कि दुबई की कंपनी ने मई 2025 में करीब 7 करोड़ रुपये की लागत से एक रॉबिन्सन 66 हेलिकॉप्टर खरीदा। यह हेलिकॉप्टर हिमाचल प्रदेश के नालदेहरा में स्थित इंपीरियल ग्रुप की ऑरमह वैली आवासीय परियोजना के लिए भारत लाया गया। इसकी खरीद के लिए कथित रूप से हांगकांग की एक अज्ञात कंपनी से बिना किसी गारंटी के लोन लिया गया था।
ईडी ने तलाशी के दौरान दिल्ली और हिमाचल प्रदेश स्थित ठिकानों से करीब 50 लाख रुपये नकद] जिनमें 500 रुपये के पुराने नोट भी शामिल हैं, तथा 14,700 अमेरिकी डॉलर की विदेशी मुद्रा जब्त की है। इसके अलावा कई डिजिटल डिवाइस, आपत्तिजनक दस्तावेज, विदेशी संपत्तियों से जुड़े रिकॉर्ड, और विदेशी बैंक खातों की पासबुक भी बरामद की गई हैं। साथ ही तीन बैंक लॉकरों को सील कर दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, ईडी ने शिमला स्थित कार्यालय में मनविंदर सिंह, सागरी सिंह और कुछ अन्य व्यक्तियों के बयान भी दर्ज किए हैं। फिलहाल सभी दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों की गहन जांच की जा रही है। एजेंसी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में हुए वित्तीय लेन-देन, मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी निवेश के चैनलों की कड़ियों को जोड़ने में जुटी हुई है।
ईडी अधिकारियों के मुताबिक, शुरुआती जांच के दौरान मिले सबूत बेहद गंभीर हैं और इस मामले में आगे कई और गिरफ्तारियां व खुलासे संभव हैं। यह छापेमारी सिर्फ शुरुआत है, और इंपीरियल ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई का दायरा आने वाले समय में और भी बढ़ सकता है। ईडी की यह कार्रवाई भारत में रियल एस्टेट सेक्टर में काले धन और विदेशी निवेश के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े को उजागर करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। ऐसे मामलों में सरकार की सख्ती यह संकेत देती है कि विदेशी निवेश के नाम पर बेनामी संपत्तियों और हवाला नेटवर्क को अब बख्शा नहीं जाएगा।