#अपराध
March 11, 2025
हिमाचल के बाबा बालक नाथ मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं ने मचाया बवाल- टैक्सी ड्राइवर से बहस
बाबा बालक नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं और टैक्सी चालक के बीच विवाद
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हमीरपुर : हिमाचल प्रदेश के सुप्रसिद्ध बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में एक पार्किंग विवाद ने तनावपूर्ण माहौल पैदा कर दिया। पंजाब से आए कुछ श्रद्धालुओं की स्थानीय टैक्सी चालक के साथ बहस हो गई, जो बाद में बढ़ते-बढ़ते विवाद में बदल गई।
स्थानीय टैक्सी चालक देसराज ने बताया कि, जब वह अपनी टैक्सी में सवारियों को लेकर कहीं जा रहा था, तो पंजाब नंबर (PB12N5136) की एक गाड़ी बीच सड़क में खड़ी थी। जब उसने श्रद्धालुओं से गाड़ी को साइड में लगाने की गुजारिश की तो वे भड़क गए और उसके साथ बहस करने लगे।
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देसराज ने पुलिस को दी लिखित शिकायत में आरोप लगाया कि पंजाब से आए श्रद्धालुओं में से कुछ लोगों ने हथियार (खुखरी) निकालकर डराने की कोशिश की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें दोनों पक्षों को बहस करते देखा जा सकता है। बताया जा रहा है कि विवाद में शामिल श्रद्धालु पंजाब के रोपड़ जिले से आए थे, जिनमें कुछ महिलाएं भी शामिल थीं।
विवाद बढ़ता देख मंदिर परिसर के आसपास के दुकानदार और अन्य श्रद्धालु मौके पर इकट्ठा हो गए और बीच-बचाव कर मामला शांत करवाया। इसी दौरान सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों से बातचीत की।
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स्थानीय लोगों और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद पंजाब के श्रद्धालुओं ने माफी मांगी और वहां से लौट गए।
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों और मंदिर प्रशासन ने पुलिस से मांग की कि दियोटसिद्ध मंदिर परिसर में आने वाली हर गाड़ी की जांच की जाए। उनका कहना है कि किसी को भी हथियार के साथ मंदिर परिसर में प्रवेश न दिया जाए।
बाबा बालक नाथ मंदिर उत्तर भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है, जहां हजारों श्रद्धालु हर दिन दर्शन के लिए आते हैं। ऐसे में इस तरह की घटनाओं से मंदिर की शांति और सुरक्षा पर सवाल उठते हैं।
दियोटसिद्ध पुलिस चौकी के प्रभारी प्रकाश चंद ने बताया कि घटना के बाद दोनों पक्षों में समझौता हो गया, इसलिए कोई मामला दर्ज नहीं किया गया। हालांकि, मंदिर परिसर की सुरक्षा बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मंदिर क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करने की अपील की है, ताकि श्रद्धालु शांति और सुरक्षित माहौल में अपनी आस्था के अनुसार दर्शन कर सकें।