#अपराध
July 24, 2025
हिमाचल : ना ओटीपी आया.. ना कोई लिंक, और बैंक खाते से गायब हो गए 15 लाख रुपए
व्यापारी के दो बैंक खातों से दो दिन में निकाली गई राशि
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मंडी। आज का डिजिटल युग लोगों के लिए जितना फायदेमंद साबित हो रहा है, उतना ही नुकसान दायक भी साबित हो रहा है। जानकारी के आभाव में कई लोग साइबर ठगों के निशाने पर आ रहे हैं और अपनी उम्र भर की कमाई से हाथ धो बैठते हैं। ऐसा ही एक मामला हिमाचल के मंडी जिला के सुंदरनगर से सामने आया है। यहां एक व्यक्ति के खाते से 15 लाख रुपए गायब हो गए हैं। बड़ी बात यह है कि शख्स या उसके परिवार में किसी को ना तो कोई ओटीपी आया था और ना ही कोई लिंक, जिससे की पैसे निकाले जा सकते। बावजूद इसके खाते से 15 लाख गायब हो गए। माना जा रहा है कि यह सब साइबर ठगों ने खाते को हैक कर किया हो सकता है।
यह चौंकाने वाला मामला मंडी जिला के सुंदरनगर क्षेत्र से सामने आया है। जहां एक प्रतिष्ठित हार्डवेयर व्यापारी के बैंक खाते से साइबर ठगों ने दो दिनों के भीतर 15 लाख रुपए से अधिक की रकम उड़ा ली। यह घटना न केवल व्यापारी वर्ग में चिंता का विषय बन गई है, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी एक चेतावनी है कि साइबर अपराध किस कदर बढ़ते जा रहे हैं।
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घटना सुंदरनगर के डैहर पंचायत के अलसू गांव की है। जहां व्यापारी जगदीश चंद के दो बैंक खातों से 15,33,100 रुपए की रकम बिना उनकी जानकारी के ऑनलाइन ट्रांसफर कर दी गई। इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब व्यापारी की पत्नी रीना देवी 21 जुलाई को नेट बैंकिंग की शिकायत लेकर बैंक पहुंचीं। उनका कहना था कि 17 जुलाई से नेट बैंकिंग सेवाएं काम नहीं कर रही थीं। बैंक अधिकारियों ने उन्हें दो दिन तक इंतजार करने को कहा। लेकिन जब 21 जुलाई को वह दोबारा बैंक पहुंचीं तो सामने आया कि 18 और 19 जुलाई को बड़ी रकम खाते से ट्रांसफर की जा चुकी है।
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बैंक से जांच करने पर पता चला कि साइबर ठगों ने 18 जुलाई को व्यापारी के एक खाते से 134500 रुपए की निकासी कर ली। जबकि 19 जुलाई को 1398600 रुपए की निकासी करवाई गई। जिससे दोनों खातों से कुल 15 लाख 33 हजार 100 रुपए की रकम खाते से निकाली गई है। इसमें आश्चर्यजनक की बात यह है कि न तो व्यापारियों को किसी प्रकार का ओटीपी प्राप्त हुआ, और न ही किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने की कोई जानकारी है। इससे यह संभावना जताई जा रही है कि या तो मोबाइल डिवाइस या फिर बैंक खाते की लॉगिन जानकारी को हैक कर यह ठगी की गई है।
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इस संबंध में डीएसपी भारत भूषण ने जानकारी दी कि सुंदरनगर थाना में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और साइबर सेल को भी इस मामले की जानकारी दे दी गई है। पुलिस तकनीकी आधार पर जांच कर रही है कि आखिरकार ठगों ने किस माध्यम से खातों तक पहुंच बनाई।
साइबर ठगी के मामले में डीआईजी मोहित चावला ने बताया कि अगर समय रहते साइबर ठगी की शिकायत की जाए, तो पैसा वापस आने की उम्मीद बढ़ जाती है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अगर आपको भी साइबर ठगी का एहसास हो रहा है तो तुरंत सबसे पहले नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें और अपनी शिकायत दर्ज करवाए। उसके बाद साइबर थाने में शिकायत दें। जिससे साइबर पुलिस ठगों के बैंक खातों पर रोक लगा देती है और ठगी के पैसे वापस मिलने की उम्मीद बढ़ जाती है।
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साइबर ठगों से खुद को सुरक्षित रखने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाना जरूरी है: