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July 24, 2025
सुप्रीम कोर्ट पहुंची हिमाचल सरकार, HC के पेड़ कटान आदेश को दी चुनौती- जनता में भी भारी रोष
फलों से लदे पेड़ काटने के विरोध में जनता मुखर, बड़ागांव व चैथला में पहले ही कटे सैकड़ों सेब के पेड़
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शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की है, जिसके तहत वन भूमि पर अतिक्रमण वाले क्षेत्रों में सेब के फलों से लदे पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई संभावित है। महाधिवक्ता अनूप रतन ने जानकारी दी है कि सरकार शीर्ष अदालत से इस कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाने की मांग करेगी।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद शिमला जिले के कुमारसैन और कोटखाई के इलाकों में वन विभाग की ओर से पेड़ कटान की कार्रवाई शुरू की गई थी। खासकर बड़ागांव और चैथला गांवों में सैकड़ों फलदार पेड़ अब तक काटे जा चुके हैं। जिन पेड़ों से सेब की फसल तैयार हो रही थी, उन्हें जड़ से साफ कर दिया गया। इससे न केवल स्थानीय किसानों को भारी नुकसान हुआ, बल्कि क्षेत्रीय संस्कृति और आजीविका पर भी असर पड़ा।
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राज्य सरकार का कहना है कि बरसात के इस संवेदनशील समय में लोगों को बेघर करना न केवल अमानवीय है, बल्कि उनकी सुरक्षा को भी खतरे में डालता है। साथ ही, फलों से लदे पेड़ों को काटना हिमाचल की कृषि परंपरा और सामाजिक भावनाओं के भी खिलाफ है। महाधिवक्ता ने कहा कि पेड़ों के कटान से पहले उनकी उपज की स्थिति और किसानों की निर्भरता को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।
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इस पूरे मामले में अब राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत की उम्मीद है। यदि शीर्ष अदालत हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा देती है, तो बाकी इलाकों में सेब के पेड़ों को फिलहाल बचाया जा सकता है। वरना आने वाले दिनों में और बागों में कुल्हाड़ी चलने की आशंका बनी रहेगी।