#अपराध

September 5, 2025

चंडीगढ़ आईएसबीटी-43 पर CTU की मनमानी, टाइमिंग को लेकर HRTC कर्मियों से किया बवाल

सीटीयू और एचआरटीसी  चालक परिचालकों के बीच कहासुनी

शेयर करें:

CTU HRTC Dispute

शिमला/चंडीगढ़। चंडीगढ़ के अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी-43) पर चंडीगढ़ यूटी परिवहन (सीटीयू) और हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) कर्मचारियों के बीच एक बार फिर टकराव की स्थिति पैदा हो गई। बसों के खड़ा होने की जगह और संचालन समय को लेकर शुरू हुआ विवाद कुछ ही देर में कहासुनी और धक्का-मुक्की तक पहुंच गया। इस दौरान मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

कैसे शुरू हुआ विवाद

यह विवाद सुबह उस समय शुरू हुआ जब सीटीयू की हमीरपुर जाने वाली बस और एचआरटीसी की मनाली जाने वाली वोल्वो बस एक ही समय सुबह 8:50 बजे पर चलने वाली थीं। बसों के खड़े होने के लिए निर्धारित काउंटर को लेकर दोनों पक्षों के चालकों के बीच कहासुनी हो गई। सूत्रों के मुताबिक सीटीयू का चालक अपनी बस निर्धारित समय से लगभग एक घंटा पहले ही काउंटर नंबर 18/19 पर ले जाकर खड़ा कर चुका था। यह काउंटर आमतौर पर एचआरटीसी की वोल्वो बसों के लिए आरक्षित होता है। जब एचआरटीसी की बस काउंटर पर पहुंची तो वहां पहले से सीटीयू की बस खड़ी थी, जिसके बाद विवाद ने तूल पकड़ लिया।

 

यह भी पढ़ें : हिमाचल: दो घरों के बुझ गए चिराग, नाले में मिली दोनों की देह, 18 और 22 साल थी उम्र

पहले भी हो चुके हैं ऐसे हालात

यह कोई नया मामला नहीं है। इससे पहले भी कई बार एचआरटीसी और सीटीयू के कर्मचारियों के बीच इसी तरह के विवाद सामने आ चुके हैं। बसों की टाइमिंग और पार्किंग स्लॉट को लेकर दोनों विभागों में लंबे समय से मतभेद चल रहे हैं। अक्सर आपसी कहासुनी के बाद पुलिस या परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप से ही मामला शांत होता है।

 

यह भी पढ़ें : युवक के लिए NHAI-प्रशासन ने झोंकी ताकत, 40 मशीनों से खोला NH; 3 घंटे में कुल्लू से AIIMS पहुंचाया

विवाद के पीछे टाइमिंग की लड़ाई

एचआरटीसी के इंस्पेक्टर जसबीर सिंह ने बताया कि सीटीयू की बसों की टाइमिंग को लेकर पहले भी इसी प्रकार की घटनाएं हो चुकी हैं। उनका कहना था कि सीटीयू के चालक अक्सर बसों को तय समय से पहले काउंटर पर खड़ा कर देते हैं, जिससे हिमाचल की बसों को खड़ा होने की जगह नहीं मिलती। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सीटीयू के स्टेशन सुपरवाइजर सतविंदर सिंह बार-बार एचआरटीसी की बसों के संचालन में हस्तक्षेप करते हैं, जिससे न केवल दोनों निगमों के कर्मचारियों के बीच तनाव बढ़ता है, बल्कि यात्रियों को भी भारी असुविधा होती है।

यह भी पढ़ें : हिमाचल : लैबोरेटरी में खोल रखी थी नशे की दुकान, पुलिस ने मालिक समेत धरे दो लोग

अधिकारियों के हस्तक्षेप से शांत हुआ मामला

विवाद को बढ़ता देख दोनों निगमों के वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर पहुंचना पड़ा। उन्होंने हस्तक्षेप कर दोनों पक्षों से बातचीत की और स्थिति को शांत किया। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आगे से इस प्रकार की स्थिति न दोहराने के लिए कोई ठोस समाधान निकाला गया या नहीं।

 

यह भी पढ़ें : हिमाचल : पति के बाद अब 24 साल के बेटे ने छोड़ी दुनिया, मां का था इकलौता सहारा

भीड़भाड़ का बढ़ता बोझ

गौरतलब है कि आईएसबीटी-43 पर प्रतिदिन लगभग 350 से 400 एचआरटीसी की बसों की आवाजाही होती है। यह बस अड्डा हिमाचल प्रदेश के शिमला, मनाली, धर्मशाला, मंडी, के अलावा उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार जैसी जगहों के लिए एक प्रमुख ट्रांजिट पॉइंट है। इस भारी दबाव के बीच यदि बसों की समयसारणी और काउंटर व्यवस्था में पारदर्शिता और समन्वय नहीं होगा, तो यात्रियों को परेशानी झेलनी ही पड़ेगी।

नोट : ऐसी ही तेज़, सटीक और ज़मीनी खबरों से जुड़े रहने के लिए इस लिंक पर क्लिक कर हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करें

ट्रेंडिंग न्यूज़
LAUGH CLUB
संबंधित आलेख