#अपराध
March 26, 2025
हिमाचल: दिहाड़ी पर चिट्टा स्पलाई, दिन में कमाता था 50 हजार- हवाई फायरिंग कर जमाता था रौब
किसी अंतरराष्ट्रीय तस्कर गिरोह से जुड़ा हो सकता है मामला
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बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश में नशे का कारोबार तेजी से फैलता जा रहा है। खासकर, चिट्टे (हेरोइन) का प्रभाव कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बनता जा रहा है। हाल ही में बिलासपुर जिले के भराड़ी थाना क्षेत्र में एक युवक के पास से चिट्टा और अमेरिका निर्मित पिस्टल बरामद की गई थी। अब इस मामले में आरोपी से पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए हैं।
जांच में पाया गया है कि आरोपी काफी लंबे समय से चिट्टा तस्करी के कारोबार में संलिप्त था। उसने अपने साथ कई युवाओं को जोड़ रखा था। आरोपी ने अपना दबदबा बनाए रखने के लिए पिस्टल से हवाई फायरिंग करता था।
बताया जा रहा है कि आरोपी चिट्टा बेचकर हर दिन 30 से हजार 50 रुपए तक की कमाई करता था। आरोपी ने चिट्टा सप्लाई करने के लिए कुछ युवक दिहाड़ी पर रखे हुए थे- जिन्हें वो हर दिन 1000 से 2000 रुपए दिहाड़ी देता था।
आपको बता दें कि बीती 22 मार्च को पुलिस टीम ने भराड़ी में अशोक कुमार के घर पर छापा मारा था। पुलिस टीम को देखकर आरोपी घबरा गया और उसने अपने पास मौजूद चिट्टा निगल लिया। इसी दौरान तलाशी ले रही पुलिस टीम को उसके बेड की दराज से एक पिस्टल मिली, जिस पर ‘मेड इन USA’ लिखा था। इसके अलावा, कमरे से तीन जले हुए नोट, फॉइल पेपर और छोटे माप-तौल वाले तराजू भी बरामद किए गए। पुलिस के अनुसार, ये तराजू नशे की तौल में इस्तेमाल किए जाते हैं।
मामले की पुष्टि करते हुए SP बिलासपुर संदीप धवल ने बताया कि बरामद पिस्टल अमेरिका निर्मित है और इसमें एक साथ नौ गोलियां भरी जा सकती हैं। पुलिस पूछताछ में जब अशोक से पिस्टल का लाइसेंस मांगा गया, तो वह कोई वैध दस्तावेज नहीं दिखा सका। पुलिस को संदेह है कि यह मामला किसी अंतरराष्ट्रीय तस्कर गिरोह से जुड़ा हो सकता है। पुलिस टीम द्वारा आरोपी को कोर्ट में पेश कर पांच दिन के लिए पुलिस रिमांड पर लिया गया है।
आरोपी के खिलाफ पहले भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस अब इस बात की गहन जांच कर रही है कि अशोक के पास यह हथियार कैसे आया और इसका उपयोग किन उद्देश्यों के लिए किया जाना था। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे अपने इलाकों में इस तरह की संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत पुलिस को दें ताकि हिमाचल प्रदेश को नशे के जाल से बचाया जा सके।
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विदित रहे कि, हिमाचल प्रदेश में चिट्टा (हेरोइन जैसे सिंथेटिक ड्रग) की तस्करी और इसका सेवन दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। यह न केवल युवाओं के स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो रहा है, बल्कि समाज की सुरक्षा और राज्य की शांति को भी खतरे में डाल रहा है। खासतौर पर कांगड़ा, मंडी, शिमला और सोलन जैसे जिलों में नशे के कारोबार में तेजी देखी जा रही है।
चिट्टे की लत के कारण कई युवा अपराध की दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं। चोरी, लूटपाट और हिंसा जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं। कई परिवार इस लत के कारण बर्बाद हो चुके हैं, जहां माता-पिता अपने बच्चों को नशे के अंधेरे में खोते देख रहे हैं। हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक स्थिति इसे नशे के अवैध व्यापार का अहम केंद्र बनाती है। यह राज्य पंजाब और हरियाणा से जुड़ा हुआ है, जहां पहले से ही ड्रग्स का कारोबार फल-फूल रहा है। इसके अलावा, पड़ोसी देशों से आने वाले तस्कर भी यहां अपनी जड़ें मजबूत कर रहे हैं।