#अपराध
April 28, 2025
हिमाचल : नशे की हो रही थी होम डिलीवरी, पुलिस ने अरेस्ट किया सैलून चलाने वाला युवक
होम डिलीवरी का नेटवर्क सिर्फ घरों तक नहीं रहा सीमित
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हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश में नशा तस्करी के तरीके लगातार बदलते जा रहे हैं। अब नशा तस्कर पारंपरिक तरीकों की जगह 'होम डिलीवरी' मॉडल अपना रहे हैं। बीते कुछ दिनों में हमीरपुर जिले में सामने आए मामलों ने इस खतरनाक ट्रेंड की पुष्टि कर दी है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि नशा तस्करी का नेटवर्क अब इतना संगठित हो चुका है कि चिट्टा सीधे ग्राहकों के घर तक पहुंचाया जा रहा है, वह भी बड़ी मात्रा में।
हाल ही में हमीरपुर बाजार में एक सैलून संचालक से 25 ग्राम चिट्टा, नशीली दवाएं और नकदी बरामद होने के बाद जब पुलिस ने गहनता से जांच शुरू की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पकड़े गए युवक ने कबूल किया कि उसे चिट्टे की सप्लाई पंजाब के होशियारपुर से सीधे होम डिलीवरी के जरिये की गई थी। इससे पहले भोरंज क्षेत्र के सेऊ गांव में भी ऐसा ही मामला सामने आ चुका है, जहां शिमला निवासी एक तस्कर ने 130 ग्राम चिट्टा घर पर डिलीवर किया था।
होम डिलीवरी का नेटवर्क सिर्फ घरों तक सीमित नहीं रहा। बड़सर में एक पेट्रोल पंप के मालिक तक चिट्टे की खेप सीधे पंप कार्यालय में डिलीवर की गई। यहां भी होशियारपुर के मुख्य तस्करों का नाम सामने आया। बीते कुछ महीनों में ऐसे कई मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें होशियारपुर समेत बाहरी क्षेत्रों से हमीरपुर में चिट्टे की बड़ी मात्रा में आपूर्ति की गई है।
दिलचस्प बात यह है कि होम डिलीवर की जाने वाली चिट्टे की खेप 50 से 100 ग्राम से कम नहीं होती। इससे स्पष्ट है कि यह काम छोटे पैमाने पर नहीं, बल्कि संगठित तरीके से किया जा रहा है। प्रति ग्राम या प्रति डोज चिट्टा बेचने वाले छोटे ड्रग पैडलर अब घर बैठे माल मंगवा रहे हैं, जिससे पुलिस की पकड़ कमजोर हो रही है। ऐसे पैडलर पुलिस की निगरानी सूची में पहले से शामिल हैं, लेकिन होम डिलीवरी के चलते इन्हें रंगेहाथ पकड़ना मुश्किल हो रहा है।
SP हमीरपुर भगत सिंह ठाकुर ने बताया कि जिले में चिट्टे की होम डिलीवरी की घटनाओं को देखते हुए पुलिस ने रणनीति बदली है। अब तस्करी में शामिल मुख्य सरगनाओं पर सीधी नजर रखी जा रही है। अप्रैल माह में पुलिस ने होम डिलीवरी की तीन बड़ी खेप बरामद की हैं, जिनकी कीमत लाखों में आंकी गई है। पुलिस को आशंका है कि अन्य जिलों में भी इसी तरह के नेटवर्क सक्रिय हो सकते हैं।
तस्कर नशे की खेप बसों के जरिये भी भेज रहे हैं। नशे की गिरफ्त में फंसे युवा अब पैडलर बनकर हमीरपुर तक खेप ला रहे हैं और फिर उसे स्थानीय स्तर पर बेच रहे हैं। पुलिस ने इन मामलों में आरोपियों के बैंक खातों की जांच शुरू कर दी है, ताकि पैसों के लेन-देन से पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचा जा सके।
SP भगत सिंह ठाकुर ने कहा, “हम हर संदिग्ध गतिविधि पर पैनी नजर रख रहे हैं। बीते एक माह में कई ऐसे मामलों का भंडाफोड़ हुआ है, जिनमें आरोपियों को नशे की खेप के साथ रंगे हाथ पकड़ा गया है। हम हर पहलू से जांच कर रहे हैं ताकि नशे के इस खतरनाक जाल को जड़ से खत्म किया जा सके।”
हमीरपुर पुलिस अब इस नई चुनौती से निपटने के लिए तकनीकी सहायता भी ले रही है। साथ ही स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियान भी तेज किए जा रहे हैं। आम जनता से भी अपील की गई है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। प्रशासन का कहना है कि नशे के खिलाफ यह लड़ाई अकेले पुलिस की नहीं, बल्कि पूरे समाज की है।