#अपराध
June 24, 2025
हिमाचल : VOLVO बस में सवारी बन बैठा था नशा तस्कर, नाके पर चरस की खेप समेत हुआ गिरफ्तार
पुलिस ने शक के आधार पर ली सवारी की तलाशी
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बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश में नशे का धंधा धड़ल्ले से किया जा रहा है। नशा सप्लाई करने के लिए तस्कर नए-नए तरीके ढूंढ रहे हैं। हालांकि, पुलिस द्वारा इन नशा के सौदागरों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इस कड़ी में आए दिन पुलिस कई तस्करों को अरेस्ट कर सलाखों के पीछे डाल रही है।
अब ताजा मामला हिमाचल के बिलासपुर जिले से सामने आया है- जहां पर टोल प्लाजा फोरलेन के पास बलोह क्षेत्र में पुलिस टीम ने एक व्यक्ति को चरस के साथ गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। पुलिस टीम को ये सफलता नाकाबंदी के दौरान मिली है।
मिली जानकारी के अनुसार, ANTF कुल्लू की टीम ने बीते कल बलोह क्षेत्र के पास नाका लगाया हुआ था। इस दौरान पुलिस टीम द्वारा वहां से गुजरने वाली हर गाड़ी की तलाशी ली जा रही थी। इसी बीच पुलिस टीम ने कसोल से दिल्ली की ओर जा रही एक वोल्वो बस को तलाशी के लिए रोका।
बस में पुलिस टीम के चढ़ते ही एक व्यक्ति के चेहरे का रंग उड़ गया। पुलिस टीम ने जब शक के आधार पर उसकी तलाशी ली तो पुलिस टीम को उसके कब्जे से 809 ग्राम चरस बरामद हुई। इसके बाद पुलिस टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए खेप को अपने कब्जे में लेकर आरोपी को अरेस्ट कर लिया।
मामले की पुष्टि करते हुए ANTF कुल्लू के उप पुलिस अधीक्षक हेमराज वर्मा ने बताया कि पुलिस टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया आरोपी गुजरात के अहमदाबाद का रहने वाला है। आरोपी की पहचान दीपक शर्मा उर्फ पिंटू (48) के रू में हुई है। पुलिस टीम ने आरोपी के खिलाफ NDPS एक्ट की धारा 20 के तहत मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
चिंताजनक बात यह है कि यह कारोबार सिर्फ स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसका जाल अंतरराष्ट्रीय तस्करों तक फैला हुआ है। बाहरी राज्यों से आने वाले अपराधी भी इस गोरखधंधे में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। सीमावर्ती राज्य जैसे पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर से मादक पदार्थ हिमाचल में लाए जा रहे हैं और यहां के युवाओं को नशे की गिरफ्त में धकेला जा रहा है।
हिमाचल पुलिस इस बढ़ते खतरे को रोकने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है। नियमित चेकिंग, स्पेशल ऑपरेशनों और गुप्त सूचनाओं के आधार पर कई तस्करों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। फिर भी कुल्लू, मंडी, कांगड़ा और शिमला जैसे जिले नशा तस्करी के बड़े केंद्र बनते जा रहे हैं। यह न सिर्फ एक सामाजिक संकट है, बल्कि हिमाचल की शांत और धार्मिक छवि पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। समय आ गया है कि नशे के खिलाफ सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ समाज भी एकजुट होकर लड़ाई लड़े, ताकि प्रदेश की आने वाली पीढ़ी को इस अंधेरे दलदल से बाहर निकाला जा सके।