#अपराध
June 11, 2025
हिमाचल में बेकरी पर मिली हैश ब्राउनीज और भारी मात्रा में चरस, ग्राहकों को ढूंढ रही पुलिस
नशा सप्लाई करने के नए-नए तरीके अपना रहे तस्कर
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कुल्लू। हिमाचल प्रदेश में नशा तस्करी करने के लिए लोग नए-नए तरीके अपना रहे हैं। हालांकि, पुलिस टीम द्वारा इन नशा तस्करों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसी कड़ी में अब ताजा मामला हिमाचल के कुल्लू जिले से सामने आया है- जहां कसोल में पुलिस टीम ने एक बेकरी से नशे की खेप बरामद की है।
मामले में पुलिस टीम ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। साथ ही उसके कब्जे से भारी मात्रा में चरस और कुछ हैश ब्राउनीज बरामद की हैं। पुलिस टीम की इस कार्रवाई को लेकर स्थानीय लोग बेहद प्रसन्न हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस टीम को शिकायत मिली थी कि कसोल में जर्मन बेकरी चलाने वाला एक व्यक्ति नशा बेचता है। इसी के आधार पर पुलिस टीम ने कार्रवाई करते हुए बेकरी चलाने वाले नेपाली को गिरफ्तार कर लिया।
इस दौरान पुलिस टीम ने उसके कब्जे से 45.71 ग्राम चरस और 5 हैश ब्राउनीज भी बरामद की। इतना ही नहीं पुलिस टीम ने आरोपी से कैश भी बरामद की है। आरोपी की पहचान संछलाल मोकतान के रूप में हुई है।
बताया जा रहा है कि बीती 24 फरवरी को आरोपी के खिलाफ मणिकरण थाने में NDPS एक्ट के तहत FIR दर्ज की गई थी। उस वक्त आरोपी को नोटिस देकर छोड़ दिया गया था। मगर उससे बरामद की गई ब्राऊनीज को जांच के लिए भेजा गया था। बीती 10 जून को आई जांच रिपोर्ट में स्पष्ट हो गया कि हैश ब्राऊनीज चरस से बनाई गई थी। ऐसे में अब आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मामले की पुष्टि करते हुए SP कुल्लू ने बताया कि पुलिस टीम ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर 14 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर ले लिया है। आरोपी से पूछताछ कर पता लगाया जा रहा है कि वो ये ब्राउनीज कब से बना रहा था और किसे बेचता था। साथ ही ये भी पता लगाया जा रहा है कि वो ब्राउनीज में भरने के लिए चरस की खेप कहां से लाता था।
विदित रहे कि, हिमाचल प्रदेश में नशा तस्करी की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय बन गई हैं। तस्कर अब नए-नए तरीके अपनाकर कानून को चकमा देने की कोशिश कर रहे हैं। चरस, चिट्टा और सिंथेटिक ड्रग्स की तस्करी में युवाओं को भी शामिल किया जा रहा है। वाहनों के गुप्त हिस्सों, गैस सिलेंडरों, खाने-पीने की वस्तुओं और पार्सल के जरिए मादक पदार्थों की आवाजाही हो रही है।
सीमावर्ती जिलों से पंजाब और अन्य राज्यों के गिरोह सक्रिय हो चुके हैं, जो हिमाचल की शांत व दुर्गम क्षेत्रों का फायदा उठा रहे हैं। सबसे गंभीर बात यह है कि छात्र और बेरोजगार युवक-युवतियां इन तस्करी नेटवर्क का हिस्सा बनते जा रहे हैं। पुलिस और नारकोटिक्स विभाग लगातार छापेमारी कर रहे हैं, लेकिन तस्कर तकनीक और नेटवर्क का उपयोग कर आगे निकल जाते हैं।