#अपराध
July 13, 2025
हिमाचल: मां की गोद से छिटक कर ब्यास में गिरी 5 साल की मासूम, झूले से पार कर रहे थे नदी
मां की गोद से फिसल कर ब्यास में गिरी बच्ची, नहीं बच पाई जिंदगी
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कुल्लू। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले से एक दिल को दहला देने वाली घटना सामने आई है। इस बेहद दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। महज 5 साल की मासूम बच्ची की जिंदगी का सूरज उस समय अस्त हो गया जब वह अपनी मां और बहन के साथ झूले के सहारे ब्यास नदी पार कर रही थी। झूले का संतुलन बिगड़ा और मां की आंखों के सामने ही उसकी पांच वर्षीय मासूम बेटी ब्यास की गर्जन करती लहरों में समा गई।
यह घटना कुल्लू जिला के जिया क्षेत्र की है। बताया जा रहा है कि रजनी देवी अपनी दोनों बेटियों14 वर्षीय वंशिका और 5 साल की परी के साथ रोज की तरह झूले से वर्कशॉप की ओर जा रही थीं। ग्रामीण इलाकों में इस तरह के झूले लोगों की आवाजाही का एकमात्र सहारा हैं। लेकिन शनिवार का दिन कुछ अलग था। जैसे ही झूला नदी के बीच पहुंचा, एकाएक उसका संतुलन बिगड़ा। झूले की हलचल ने परी को अपनी मां की गोद से फिसला दिया और वह ब्यास नदी में गिर गई।
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इस घटना के बाद मां की चीखों से पूरा क्षेत्र दहल उठा। चीख.पुकार सुन कर स्थानीय लोग दौड़े और बच्ची को तलाशना शुरू किया। कुछ समय बाद जिया संगम के पास परी का शरीर नदी से बाहर निकाला गया। उसे तुरंत क्षेत्रीय अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने परी को मृत घोषित कर दिया। इस हादसे ने हर आंख नम कर दी। जिस मां ने अपनी बेटी को सुबह तैयार किया था, वही अब उसका निर्जीव शरीर गोद में लेकर बेसुध पड़ी थी। पूरे गांव में मातम पसरा है। किसी को यकीन नहीं हो रहा कि चंचल, हंसमुख और नन्हीं परी अब इस दुनिया में नहीं रही।
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ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की अनदेखी की वजह से ही यह हादसा हुआ है। जिया जैसे कई गांवों में आज भी सुरक्षित पुलों की सुविधा नहीं है और लोग जान जोखिम में डालकर ऐसे झूलों से नदी पार करने को मजबूर हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से इस घटना की उच्च स्तरीय जांच और सुरक्षित पुल की शीघ्र व्यवस्था की मांग की है।
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एएसपी संजीव चौहान ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि बच्ची के शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कब तक पहाड़ी क्षेत्रों के लोग इस तरह की असुरक्षा में जीते रहेंगे मासूम परी की मौत केवल एक हादसा नहीं, बल्कि सिस्टम की चुप्पी पर करारा तमाचा है।