#अपराध
January 16, 2025
हिमाचल: 26 की उम्र में पंजाब से ले आया लाखों का चिट्टा, नए साल की सबसे बड़ी खेप पकड़ी
इस साल अब तक की सबसे बड़ी चिट्टे की खेप पकड़ी
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ऊना। हिमाचल प्रदेश में नशा तस्करों की सक्रियता से युवा पीढ़ी नशे के दलदल में धंस रही है। प्रदेश में आए दिन नशा तस्कर सलाखों के पीछे पहुंच रहे हैं, बावजूद इसके हिमाचल में नशे का कारोबार खत्म नहीं हो रहा है। ऐसा ही एक मामला अब हिमाचल के ऊना जिला से सामने आया है। यहां पुलिस ने इस साल की अब तक की सबसे बड़ी चिट्टे की खेप को पकड़ा है।
बड़ी बात यह है कि चिट्टे की इस खेप के साथ गिरफ्तार हुआ युवक मात्र 26 साल का है और वह इस चिट्टे की खेप को पंजाब के होशियारपुर से लेकर आया था। लेकिन यहां वह इसे आगे बेच पाता, इससे पहले ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर आगामी जांच शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के अनुसार ऊना जिला पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट ने रात को गश्त पर निकली थी। इसी दौरान जब पुलिस ऊना जिला के मलाहत गांव के पास प्राइमरी स्कूल के पास पहुंची तो वहां ओपर एयर जिम में एक युवक बैठा दिखा। पुलिस ने शक के आधार पर युवक की तलाशी ली। तलाशी के दौरान युवक के पास से पुलिस को 80ण्50 ग्राम चिट्टा बरामद हुआ।
पुलिस ने नशे को कब्जे में लेकर आरोपी को हिरासत में ले लिया है। वहीं आगामी जांच शुरू कर दी है। आरोपी की पहचान 26 वर्षीय नीतिन पुत्र देस राज निवासी गांव मलाहत डाकघर व जिला ऊना के रूप में हुई है। आरोपी के पास नशे की इतनी बड़ी खेप को देख कर खुद पुलिस भी हैरान है। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से चिट्टा बरामद करने के तुरंत बाद उसके घर मंे भी दबिश दी।
मामले की पुष्टि करते हुए जिला पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह ने बताया कि पुलिस ने आरोपी को इस साल की अब तक की सबसे बड़ी खेप के साथ पकड़ा है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी से पूछताछ में पता चला है कि वह चिट्टे की इस खेप को पंजाब के होशियारपुर से लेकर आया था।
एसपी ऊना राकेश सिंह ने बताया कि पुलिस अब यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि युवक स्थानीय स्तर पर किसे चिट्टे की सप्लाई करता था। इसके साथ ही पंजाब पुलिस से संपर्क कर यह पता लगाया जा रहा है युवक इस खेप को कहां से लेकर आया था और इस नशे का मुख्य सप्लायर कौन है। एसपी ऊना का कहना है कि आरोपी के साथ साथ उसके सप्लायर को भी सलाखों के पीछे पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।