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October 24, 2025

हिमाचल: बच्चों की सेहत से खिलवाड़, आंगनबाड़ी के राशन में मिले घुन और कीड़े; जांच के निर्देश

राज्य खाद्य आयोग ने दिए जांच के आदेश

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aanganwadi center

शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले से एक बेहद चिंताजनक मामला सामने आया है। चौपाल उपमंडल की कुपवी तहसील के अंतर्गत आने वाले कई आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को परोसे जाने वाले चावलों में घुन और कीड़े पाए गए हैं। यह मामला राज्य खाद्य आयोग के नियमित निरीक्षण के दौरान उजागर हुआ, जिसके बाद आयोग ने इसे बच्चों की सेहत के साथ गंभीर खिलवाड़ करार देते हुए तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

10 आंगनबाड़ी केंद्र मिले बंद

राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष डॉ एसपी कत्याल ने बताया कि निरीक्षण के दौरान कुपवी क्षेत्र के धार चांदना सर्किल के तहत आने वाले 10 आंगनबाड़ी केंद्र बंद मिले। इनमें गांवखर, धार.1, धार.2, शरद, बथाड़ी, डाक, बवात, ओरन, मुशाड़ी और मझगांव शामिल हैं। अधिकारियों ने मौके पर संबंधित कार्यकर्त्ताओं को बुलाकर केंद्र खुलवाए और वहां परोसे जाने वाले खाद्य पदार्थों की जांच की।

 

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जांच में पाया गया कि बच्चों के भोजन के लिए रखे चावलों में घुन और कीड़े लगे हुए थे। इससे न केवल स्वच्छता पर सवाल खड़े हुए हैं, बल्कि यह भी साफ हुआ कि बच्चों के पोषण और सुरक्षा को लेकर जिम्मेदार विभागों की निगरानी कितनी लापरवाह हो गई है।

खाद्य आयोग का सख्त रुख

डॉ कत्याल ने इस लापरवाही को अक्षम्य अपराध करार देते हुए संबंधित अधिकारियों को दूषित खाद्य सामग्री के वितरण पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने चाइल्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट ऑफिसर सीडीपीओ को व्यक्तिगत रूप से जांच करने और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। 

 

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डॉ कत्याल ने कहा कि बच्चों के पोषण से जुड़ी किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह केवल प्रशासनिक चूक नहीं, बल्कि समाज के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
राज्य खाद्य आयोग ने सीडीपीओ चौपाल को आदेश दिया है कि वह पूरा मामला सात दिनों के भीतर रिपोर्ट सहित आयोग को सौंपें। साथ ही दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

बच्चों की सेहत पर मंडराया खतरा

आंगनबाड़ी केंद्रों में मिलने वाला भोजन गरीब और जरूरतमंद परिवारों के बच्चों के लिए पोषण का प्रमुख स्रोत होता है। ऐसे में खराब और दूषित भोजन का वितरण बच्चों की सेहत के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। स्थानीय अभिभावकों ने भी आक्रोश जताते हुए कहा कि यह घटना पूरे सिस्टम की विफलता को उजागर करती है। अगर बच्चों के खाने तक में स्वच्छता नहीं है, तो सरकार के पोषण मिशन का क्या मतलब रह जाता है।

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सरकार और प्रशासन की भूमिका पर सवाल

यह घटना उन सरकारी दावों की पोल खोलती है जिनमें आंगनबाड़ी केंद्रों को पोषण के मंदिर कहा जाता है। लेकिन हकीकत यह है कि कई केंद्र बिना निगरानी के चल रहे हैं, जहां न तो समय पर निरीक्षण होता है और न ही खाद्य सामग्री की गुणवत्ता जांची जाती है।

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