#अव्यवस्था
October 24, 2025
हिमाचल: जन्म के कुछ घंटों बाद नवजात ने तोड़ा दम, नर्सिंग स्टॉफ पर लापरवाही के आरोप
पिता बोला-नर्सों को मदद के लिए बुलाया, पर उन्होंने नहीं की जांच
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पांवटा साहिब (सिरमौर)। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के शिलाई सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की कथित लापरवाही ने एक परिवार की खुशियों को मातम में बदल दिया। अस्पताल में एक नवजात ने जन्म के कुछ ही घंटों बाद दम तोड़ दिया। जिससे एक परिवार के घर खुशियां तो आईं, लेकिन कुछ घंटों बाद वह मातम में बदल गई। परिवार ने अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं।
कोटीभोच गांव के गोपाल सिंगटा का आरोप है कि अस्पताल की नर्सिंग टीम की बेरुखी और लापरवाही के कारण उनका एक दिन का नवजात शिशु दम तोड़ गया। पिता ने आक्रोश जताया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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गोपाल सिंगटा के अनुसार उनकी पत्नी ने शिलाई अस्पताल में सामान्य प्रसव के जरिए एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया, जिसका वजन 3.3 किलो से अधिक था। जन्म के अगले ही दिन बच्ची को तेज बुखार आया। डॉक्टर ने शुरुआती जांच के बाद दवाइयां दीं और कहा कि स्थिति बिगड़ने पर तुरंत स्टाफ को सूचित करें।
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लेकिन गोपाल का कहना है कि जैसे ही रात में बच्ची की हालत बिगड़ी, उन्होंने कई बार ड्यूटी पर मौजूद नर्सों को मदद के लिए बुलाया, लेकिन किसी ने प्रतिक्रिया नहीं दी। मजबूर होकर उन्होंने सुरक्षा गार्ड की मदद ली। नर्सों ने उन्हें कहा कि खुद थर्मामीटर से तापमान नाप लें। जब तक पिता ने तापमान जांचा, बच्ची की तबीयत गंभीर हो चुकी थी। इसके बाद उसे पांवटा साहिब रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
दुखी पिता गोपाल सिंगटा ने कहा कि आज हमने खुशियां लेकर घर जाना था, लेकिन अब मैं खाली हाथ लौट रहा हूं। अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही ने हमारे परिवार से हमारी खुशियां छीन लीं। ऐसे कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि किसी और के साथ ऐसा न हो।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए शिलाई के कार्यवाहक बीएमओ डॉ शीतल शर्मा ने कहा कि नवजात की मौत की प्रारंभिक जांच तेज बुखार को कारण मान रही है। उन्होंने बताया कि बच्ची को पांवटा साहिब से नाहन मेडिकल कॉलेज रेफर किया जा रहा था, जहां उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हुई। डॉ. शर्मा ने आश्वासन दिया कि नर्सिंग स्टाफ की कथित लापरवाही की गहन जांच की जाएगी और पीड़ित परिवार से भी संपर्क कर मामले की सत्यता का पता लगाया जाएगा। यदि जांच में लापरवाही पाई जाती है, तो नियमानुसार कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।