#अव्यवस्था
December 12, 2025
गजब ! हिमाचल पुलिस ने खड़ी कार के एक साथ काटे 3 चालान, मैसेज देख सैनिक के उड़े होश
आर्मी कैंटीन के बाहर पीली लाइन के अंदर खड़ी की थी सैनिक ने कार
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ऊना। हिमाचल प्रदेश में ट्रैफिक पुलिस की डिजिटल चालान प्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। ऊना जिले से एक ऐसा मामला सामने आया- जिसने न केवल वाहन मालिक को परेशान किया बल्कि पुलिस प्रशासन को भी कटघरे में खड़ा कर दिया।
भारतीय सेना में सेवारत सैनिक अंकित रायजादा अपनी दादी को स्वास्थ्य जांच के लिए ऊना लाए थे, लेकिन उसी दौरान उनकी निजी गाड़ी पर कुछ ही देर के अंदर लगातार तीन ऑनलाइन चालान कट गए।
जानकारी के अनुसार, अंकित रायजादा सैनिक कैंटीन में आवश्यक दस्तावेजों पर मोहर लगवाने पहुंचे थे। पार्किंग की कमी के चलते उन्होंने अपनी गाड़ी कैंटीन के बाहर यैलो लाइन के भीतर खड़ी कर दी।
अंकित का कहना है कि गाड़ी बिल्कुल उसी स्थान पर खड़ी थी और वे कुछ ही मिनटों के लिए कैंटीन में गए थे। लेकिन बाहर आने से पहले ही उनके मोबाइल पर लगातार तीन चालान आने लगे। पहले तो उन्होंने इसे तकनीकी त्रुटि समझा, लेकिन जब चालानों की डिटेल ओपन की गई तो स्पष्ट हुआ कि तीनों चालान एक ही लोकेशन पर, लगभग एक ही समय के अंतराल में काटे गए हैं।
मामले से परेशान होकर अंकित रायजादा सीधे DC जतिन लाल और उसके बाद SP अमित यादव के पास पहुंचे। उन्होंने तीनों चालानों की कापियां दिखाते हुए लिखा-पढ़ी में शिकायत दी कि जब गाड़ी हिली तक नहीं, तो कुछ ही मिनटों में तीन अलग-अलग चालान कैसे जारी हो गए?

अंकित ने यह भी बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी शिकायत दर्ज करवा दी है, लेकिन अभी तक उन्हें कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। उनका कहना है कि यह सीधा-सीधा सिस्टम की खामी है और इसका खामियाजा वाहन चालकों को उठाना पड़ रहा है।
ऊना में यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले कुठारखुर्द के एक व्यक्ति के पास 8 मिनट के अंदर दो चालान पहुंच गए थे, जिसकी शिकायत उन्होंने भी पुलिस को दी थी। शहर में लगातार ऐसी घटनाएँ सामने आ रही हैं, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या ऑनलाइन चालान प्रणाली में गंभीर तकनीकी खामियाँ हैं?
एसपी ऊना अमित यादव ने बताया कि अगर किसी वाहन पर ऐसे हालात में एक से अधिक चालान जारी हुए हैं और वाहन मालिक शिकायत लेकर आता है, तो एक चालान को छोड़ बाकी सभी चालान निरस्त कर दिए जाएंगे। उन्होंने लोगों से अपील की कि इस तरह के मामलों में बेझिझक पुलिस से संपर्क करें।
डिजिटल चालान का उद्देश्य ट्रैफिक व्यवस्था सुधरना है, लेकिन लगातार ऐसी घटनाओं ने आम लोगों की परेशानियों को बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि कैमरों या सॉफ्टवेयर की टाइमिंग में त्रुटि, लोकेशन लॉकिंग की गलती या बार-बार स्कैन होने जैसी समस्याएँ इस तरह के मामलों का कारण हो सकती हैं।
स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि पुलिस प्रशासन को इस पूरी प्रक्रिया की तकनीकी जांच करवाकर ऐसा सिस्टम बनाना चाहिए जिसमें एक ही लोकेशन पर खड़ी गाड़ी पर मिनटों के भीतर कई चालान न कटें, ताकि आम नागरिकों का भरोसा बरकरार रह सके।