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August 29, 2025

भरमौर से पैदल चंबा के लिए निकले हजारों श्रद्धालु, सड़क का नहीं बचा है नामोनिशान

62 किमी लंबा है रास्ता, बच्चों महिलाओं बुढ़ों की जान पर बनी

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chamba News

चंबा/भरमौर: हिमाचल प्रदेश में मानसून ने इस बार विकराल रूप धारण कर लिया है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। खासकर चंबा जिले के भरमौर क्षेत्र में स्थिति अत्यंत गंभीर बनी हुई है। यहां मणिमहेश यात्रा पर गए हजारों श्रद्धालु फंसे हुए हैं, जबकि चंबा से भरमौर तक का संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है।

भरमौर बना ‘टापू’, सड़कें-सेवाएं ठप

भरमौर घाटी इस समय बाकी दुनिया से पूरी तरह से कट चुकी है। चंबा से भरमौर तक लगभग 62 किलोमीटर लंबी सड़क कई स्थानों पर पूरी तरह बह गई है। इसके अलावा भरमौर से आगे 13 किलोमीटर दूर हड़सर तक की सड़क भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त है। वहीं, हड़सर से शुरू होने वाली मणिमहेश यात्रा का दुर्गम पहाड़ी रास्ता भारी बारिश और भूस्खलन के चलते पूरी तरह से नष्ट हो चुका है।

पैदल चंबा को निकले हजारों श्रद्धालु

बता दें कि मणिमहेश यात्रा पर गए हजारों श्रद्धालु हड़सर और भरमौर में फंसे हुए हैं। भरमौर से चंबा तक का रास्ता दर्जनों जगह पर पूरी तरह से टूट चुका है। जिसके चलते किसी भी वाहन का भरमौर से चंबा और चंबा से भरमौर पहुंचना मुश्किल है। जिसको देखते हुए आज शुक्रवार को भरमौर से हजारों श्रद्धालु चंबा के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं। लेकिन भारी बारिश और टूटी सड़क के चलते इन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।

 

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हजारों श्रद्धालु फंसे, भोजन और पानी की किल्लत

मणिमहेश यात्रा पर निकले श्रद्धालु हड़सर और भरमौर में फंसे हुए हैं। चारों ओर फैले मलबे, टूटी सड़कों और लगातार हो रही बारिश के बीच उन्हें खाने-पीने तक की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मोबाइल नेटवर्क ठप हो जाने से बाहरी दुनिया से संपर्क भी पूरी तरह कट गया है। इससे परिजन चिंतित हैं और सरकार से अपनों की सलामती की गुहार लगा रहे हैं।

पैदल ही लौटे कई श्रद्धालु, साझा की दर्दनाक दास्तां

मणिमहेश यात्रा से सुरक्षित लौटे श्रद्धालुओं ने भयावह स्थिति की तस्वीर पेश की है। उन्होंने बताया कि भारी बारिश के चलते भरमौर की ओर आने वाली सभी सड़कों पर आवाजाही असंभव हो चुकी है। ऐसे में हजारों श्रद्धालु जान जोखिम में डालकर कई किलोमीटर पैदल चलकर चंबा लौटे हैं। रास्ते में मलबा, फिसलन और बारिश से उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

 

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प्रशासन अलर्ट, हेलिकॉप्टर से बचाव की योजना पर काम

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपात बैठक की और श्रद्धालुओं की सुरक्षित वापसी के निर्देश दिए। सीएम ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि भरमौर और चंबा में फंसे यात्रियों के लिए भोजन और ठहरने की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को हेलिकॉप्टर के माध्यम से सुरक्षित निकालने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। चंबा पहुंच चुके श्रद्धालुओं को बसों के माध्यम से उनके गंतव्य तक भेजा जा रहा है।

 

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स्थानीय विधायक ने जताई नाराजगी, प्रशासन पर उठाए सवाल

भरमौर के विधायक डॉ. जनकराज ने भी हालात को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि भरमौर पूरी तरह से अलग-थलग पड़ चुका है। सड़कों के बंद होने के अलावा दूरसंचार सेवा भी बीते चार दिनों से ठप है। विधायक ने आरोप लगाया कि प्रशासन की ओर से न तो राहत पहुंचाई जा रही है और न ही पर्याप्त व्यवस्था की गई है। उन्होंने सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने और भरमौर क्षेत्र में फंसे लोगों को बचाने की अपील की।

स्थिति अभी भी गंभीर, प्रशासन से राहत की उम्मीद

प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण राहत और बचाव कार्यों में भी बाधा आ रही है। ऐसे में हालात सुधरने में समय लग सकता है। हालांकि प्रशासन और सरकार की कोशिशें जारी हैं। मणिमहेश यात्रा पर फिलहाल रोक लगा दी गई है, ताकि और लोग प्रभावित न हों।

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