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April 7, 2025

सुक्खू सरकार ने बंद किया सैनिक रेस्ट हाउस, खुले में सो रहे हमारे देश के बहादुर फौजी

पूर्व सैनिकों ने दी आंदोलन की चेतावनी 

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Himachal Sirmaur Rest House

पांवटा साहिब। महीने का 40 हजार रुपए कमाकर देने वाले पांवटा साहिब के सैनिक गेस्ट हाउस को बंद कर देने से अब हमारे जवानों को बस स्टैंड पर खुले में सोना पड़ रहा है। हाल में यह मुद्दा राज्य के सांसद सुरेश कश्यप ने लोकसभा में भी उठाया था। अब राज्य के पूर्व सैनिकों ने सरहद के पहरेदार हमारे जवानों के साथ बदइंतजामी से नाराज होकर मोर्चा खोलने की चेतावनी दी है। 


वीरभूमि हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में बस स्टैंड के पास इस सैनिक रेस्ट हाउस को 2010 में इसलिए बनवाया गया था, ताकि हिमाचल और पड़ोसी राज्यों से आने वाले जवानों के रात में रुकने का इंतजाम हो सके और वे अगले दिन सुबह की बस पकड़ सकें। लेकिन पिछले साल हिमाचल सरकार ने सैनिक गेस्ट हाउस को यह कहकर बंद कर दिया कि यह घाटे में चल रहा है और इससे लगी दुकानों का किराया भी नहीं आ रहा है।

 

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रात काटना मुश्किल

रेस्ट हाउस बंद होने से देहरदून, अंबाला और जगाधरी जाने वाले सैनिकों को मजबूरन बस स्टैंड पर खुले में सोना पड़ रहा है या फिर महंगे होटलों में कमरा लेना पड़ रहा है। पांवटा साहिब से शाम 5 बजे के बाद शिलाई, हरीपुरधार, क्फोटा, मस्तभोज और नेरवां के लिए बस नहीं मिलती हैं। नतीजतन रात बिताने के लिए यही रेस्ट हाउस जवानों का सहारा हुआ करता था। रेस्ट हाउस में डॉरमेट्री समेत 4 कमरे हैं। 40 बेड की डॉरमेट्री में हर पलंग का किराया 100 रुपए और कमरे का 400 रुपए पर नाइट का किराया है।

24 हजार थी महीने की कमाई

पूर्व सैनिकों का कहना है कि बंद होने से पहले रेस्ट हाउस की कुल मासिक आय 40 हजार रुपए थी। इसमें चौकरीदार, बिजली, सफाई का खर्च काटने के बाद 24 हजार रुपए बच रहे थे। लेकिन हिमाचल सरकार ने पिछले साल इसे घाटे का बताया था। फिर रेस्ट हाउस की मरम्मत में डेढ़ लाख रुपए खर्च करने के बाद इसे बंद कर दिया। पूर्व सैनिकों ने रेस्ट हाउस दोबारा खोलने की मांग को लेकर कैबिनेट मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल से भी मुलाकात की थी, जिन्होंने डेढ़ हफ्ते में इसे खोलने का वादा किया था।

 

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आंदोलन की चेतावनी

अब गुस्साए पूर्व सैनिकों ने चेतावनी दी है कि अगर सैनिक कल्याण विभाग ने इस रेस्ट हाउस को नहीं खोला तो वे आंदोलन करेंगे। उनका कहना है कि रेस्ट हाउस घाटे में नहीं था, बल्कि इसके प्रबंधन में गड़बड़ी की गई है।

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टेंडर के बाद खुलेगा

सिरमौर जिले के सैनिक कल्याण विभाग का कहना है कि रेस्ट हाउस को खोलने के लिए टेंडर मांगे हैं, जिसकी लास्ट डेट 25 अप्रैल है। इस प्रक्रिया के बाद बेहतर सुविधाओं के साथ रेस्ट हाउस को खोल दिया जाएगा।

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