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April 29, 2025

शिक्षकों से बात करने को राजी नहीं सुक्खू सरकार, 10 को किया निलंबित- कइयों की कटी सैलरी

जेबीटी शिक्षकों का आंदोलन तेज

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग के पुनर्गठन के खिलाफ चल रहे जेबीटी शिक्षकों के विरोध प्रदर्शन ने जोर पकड़ लिया है। इसी क्रम में बीते कल यानी सोमवार को विभाग ने चार और शिक्षकों को निलंबित कर दिया। इन शिक्षकों में कांगड़ा जिले से अनिल कुमार, शिमला से प्रमोद चौहान, ऊना से सुनीता शर्मा और मंडी से हेमराज शामिल हैं। हालांकि राज्य सरकार द्वारा सख्ती के बावजूद शिमला स्थित शिक्षा निदेशालय के बाहर शिक्षकों का क्रमिक धरना जारी है।

पहले 6 को किया था निलंबित

दरअसल, 26 अप्रैल को चौड़ा मैदान शिमला में जेबीटी शिक्षकों ने विशाल रैली निकाली थी, जिसके बाद ही विभाग ने शिक्षा सचिव के आदेशानुसार प्राइमरी टीचर फेडरेशन के छह नेताओं को निलंबित कर दिया था।

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इनमें फेडरेशन के अध्यक्ष जगदीश शर्मा, सचिव संजय, प्रताप ठाकुर और राम सिंह राव जैसे नाम प्रमुख हैं। इसी के साथ चौपाल के नेरवा ब्लॉक में बीईओ के औचक निरीक्षण के दौरान दो जेबीटी शिक्षक दलवीर सिंह और रनवीर चौहान स्कूल से अनुपस्थित पाए गए, जिन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर डोडराक्वार हेडक्वार्टर में अटैच कर दिया गया है।

शिक्षकों की पहचान करने में जुटा है विभाग

शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने सरकार और अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन में भाग लेने वाले शिक्षकों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन उपस्थिति और मिड-डे मील के कार्यों का बहिष्कार करना सरकारी आदेशों की खुली अवहेलना है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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शिक्षकों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए विभाग ने चेतावनी दी है कि जो शिक्षक सरकार के आदेशों का पालन नहीं करेंगे, उन्हें सेंट्रल सिविल सर्विसेज (क्लासिफिकेशन, कंट्रोल एंड अपील) नियम 56(ज) के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सकती है।

काटा जाएगा वेतन

जिन पर यह नियम लागू नहीं होगा, उनके खिलाफ निलंबन और अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। इसके अलावा धरने में भाग लेने वाले शिक्षकों का एक दिन का वेतन भी काटा जाएगा। सरकार का कहना है कि शिक्षा निदेशालय के पुनर्गठन का फैसला पूरी तरह से नीतिगत है और इससे शिक्षकों के हितों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके बावजूद शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है।

शिक्षा सचिव के खिलाफ भी नारेबाजी

गौरतलब है कि प्रदेश भर से आए प्राथमिक शिक्षक इस समय शिमला में जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले 16 अप्रैल को ही संघ ने सरकार को अपनी प्रस्तावित हड़ताल की सूचना दे दी थी।

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इसके बावजूद वार्ता विफल रही और शिक्षक अपनी मांगों पर डटे हुए हैं। हड़ताल के दौरान शिक्षकों ने शिक्षा सचिव राकेश कंवर के खिलाफ भी नारेबाजी की, जिसे सरकार ने आपत्तिजनक मानते हुए कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

विभाग ने करवाई वीडियोग्राफी

इस आंदोलन में प्रदेश के लगभग 22,000 प्राइमरी शिक्षकों में से बड़ी संख्या में शिक्षक हिस्सा ले रहे हैं। धरने में भाग लेने वाले शिक्षकों की पहचान के लिए विभाग ने बाकायदा वीडियोग्राफी भी करवाई है। प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने घोषणा की है कि अब शिक्षा निदेशालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया गया है। हर दिन छह-छह शिक्षक क्रमवार धरने पर बैठेंगे और मांगें पूरी होने तक यह आंदोलन जारी रहेगा।

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