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November 15, 2025
हिमाचल : पानी योजना में भी घोटाला! विश्व बैंक ने भेजे 587 करोड़ - कंपनी तक नहीं पहुंचा पूरा पैसा
विश्व बैंक ने पैसा दिया, लेकिन कंपनी तक क्यों नहीं पहुंचा?
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 24 घंटे पेयजल सुविधा देने के लिए तैयार हो रही सतलुज पेयजल योजना वित्तीय संकट में फंस गई है। विश्व बैंक इस परियोजना के लिए अब तक 587 करोड़ रुपये जारी कर चुका है, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इनमें से सिर्फ 250 करोड़ रुपये ही पेयजल कंपनी तक पहुंचे हैं।
बाकी करीब 300 करोड़ रुपये कहां अटके हैं, इस पर न सरकार की तरफ से और न ही कंपनी की ओर से कोई स्पष्ट जवाब सामने आ रहा है। सवाल यह भी उठ रहा है कि जब बजट जारी हो चुका है, तो परियोजना को अतिरिक्त ऋण लेने की जरूरत क्यों पड़ रही है?
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धन की कमी से काम प्रभावित न हो, इसके लिए कंपनी अब 100 करोड़ रुपये का ऋण लेने की तैयारी में है। ऋण का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है और इसे मंजूरी के लिए अगले हफ्ते मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली निदेशक मंडल की बैठक में रखा जाएगा।
शहर के शकरोड़ी क्षेत्र में इन दिनों टैंकों और मुख्य पाइपलाइनों की टेस्टिंग चल रही है। दावा है कि जनवरी से सतलुज का पानी शिमला तक पहुंचना शुरू हो जाएगा, जिससे 36 हजार उपभोक्ताओं को पानी की किल्लत से राहत मिलेगी।
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पिछले तीन वर्षों में विश्व बैंक द्वारा भेजी गई राशि के बावजूद कंपनी को ऋण लेने की मजबूरी पर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
लोग यह जानना चाहते हैं कि
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पेयजल कंपनी के प्रबंध निदेशक वीरेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि निदेशक मंडल की बैठक अगले सप्ताह है, जिसमें—
बजट संकट,
ऋण प्रस्ताव,
परियोजना की प्रगति,
और आने वाले महीनों की कार्ययोजना
पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि कंपनी का लक्ष्य हर हाल में जनवरी से सतलुज का पानी शिमला पहुंचाना और अगले साल तक शहर के अधिकतर इलाकों में 24 घंटे पानी की सुविधा देना है।