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November 11, 2025

हिमाचल: कहीं आप तो नहीं खा रहे वायरल फीवर की ये दवा, फेल हो गए हैं इसके सैंपल 

स्वास्थ्य विभाग ने कंपनी को जारी किया नोटिस, दवा बिक्री पर तुरंत रोक के निर्देश

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drug sample Failed

चंबा। हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा में वायरल फीवर के इलाज में उपयोग की जा रही एक एंटीबायोटिक दवा की गुणवत्ता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच के लिए भेजा गया इस दवा का सैंपल लैब में फेल पाया गया है। रिपोर्ट आने के बाद विभाग ने न केवल संबंधित दवा कंपनी को नोटिस जारी किया है, बल्कि जिले के सभी दवा विक्रेताओं को तत्काल इस दवा की बिक्री रोकने के निर्देश भी दे दिए हैं।

निजी स्टोर से लिया था सैंपल

जानकारी के अनुसार यह सैंपल चंबा शहर के एक निजी दवा स्टोर से लिया गया था। परीक्षण के लिए इसे कंडाघाट स्थित राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया था, जहां जांच रिपोर्ट में वायरल फीवर में दिए जाने वाला एंटीबायोटिक कैप्सूल मानकों पर खरा नहीं उतरा। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी फार्मासिस्टों को आदेश दिया है कि वे इस दवा के स्टॉक को तुरंत कंपनी को वापस करें और किसी भी परिस्थिति में इसे मरीजों को न दें।

 

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इस दवा की बिक्री करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बिपिन ठाकुर ने बताया कि जिले के सभी 250 दवा विक्रेताओं को लिखित रूप से आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसी भी विक्रेता द्वारा इस प्रतिबंधित दवा की बिक्री की गई तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, राज्य सहायक दवा नियंत्रक अनूप शर्मा ने कहा कि कंपनी को नोटिस भेज दिया गया है और आगे की कार्रवाई नियमानुसार की जाएगी।

कंपनी पर पहले भी उठ चुके हैं सवाल

हिमाचल के बद्दी की यह वही दवा निर्माता कंपनी है, जिसकी कुछ समय पहले कफ और कोल्ड टैबलेट का सैंपल भी जांच में फेल पाया गया था। अब उसी कंपनी की वायरल फीवर में दी जाने वाली एंटीबायोटिक दवा पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। यह दोबारा हुई असफलता स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है।

 

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स्वास्थ्य सुरक्षा पर बढ़ता खतरा

विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार दवाओं के गुणवत्ता परीक्षण में असफल होना न केवल मरीजों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, बल्कि दवा आपूर्ति श्रृंखला की निगरानी पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है। अगर समय रहते इस पर सख्ती नहीं बरती गई, तो यह स्थिति जनस्वास्थ्य के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है।

 

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गुणवत्ता जांच प्रणाली पर उठे सवाल

प्रदेश में हाल के महीनों में दवाओं के कई सैंपल फेल होने की घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि दवा गुणवत्ता जांच और निगरानी व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि इस मामले की पूरी जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने पर संबंधित कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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