#अव्यवस्था
November 11, 2025
हिमाचल के सरकारी स्कूल का हाल बेहाल : मंदिर में लग रही क्लास, बच्चे परेशान
अभिभाकों ने दी आंदोलन करने की चेतावनी
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सिरमौर। हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूल पिछले कुछ समय से काफी सुर्खियां बटौर रहे हैं। कभी किसी स्कूल का गलत स्पेलिंग वाला चैक वायरल हो रहा है तो कभी कोई स्कूल छात्रों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को लेकर चर्चा में है। ताजा मामला हिमाचल के सिरमौर जिले से सामने आया है।
राजकीय प्राथमिक विद्यालय सलोगड़ा की स्थिति शिक्षा व्यवस्था के सरकारी दावों पर सवाल उठा रही है। विद्यालय का पुराना भवन लंबे समय से खस्ताहाल है, दीवारें टूट चुकी हैं और छत से प्लास्टर झड़ रहा है।
हालात इतने खराब हो चुके हैं कि बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूल प्रशासन ने कक्षाएं पास के मंदिर परिसर में शिफ्ट कर दी हैं। इस समय स्कूल के पास न तो कक्षाएं चलाने के लिए पर्याप्त कमरे हैं और न ही बच्चों के खेल और गतिविधियों के लिए मैदान उपलब्ध है।
मजबूरन बच्चे मंदिर की दीवारों के बीच बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि मौसम परिवर्तन या भीड़ होने पर कक्षाएं और भी प्रभावित होती हैं। सोमवार को ग्रामीणों और स्कूली बच्चों के अभिभावकों ने हिमाचल किसान सभा के बैनर तले DC सोलन को ज्ञापन सौंपा।
प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन को बताया कि गांव ने कई बार विभागीय अधिकारियों के समक्ष मांग उठाई, पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ग्रामीणों ने कहा कि स्कूल की हालत किसी से छिपी नहीं है। बच्चे असुरक्षित माहौल में पढ़ाई कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में हालात और भी खराब हो जाएंगे। अगर सरकार सच में 'गुणवत्तापूर्ण शिक्षा' का दावा करती है तो उसका पहला आधार सुरक्षित और सुविधाजनक स्कूल भवन होना चाहिए। स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि विद्यालय भवन के पुनर्निर्माण को तत्काल प्राथमिकता नहीं दी गई, तो वे व्यापक जन आंदोलन शुरू करेंगे।
CM सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र में सुधार और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के दावे बार-बार किए जाते हैं। लेकिन सलोगड़ा स्कूल की स्थिति यह बताती है कि ग्राउंड पर कई प्राथमिक स्कूल अब भी उपेक्षा का शिकार हैं। लोगों का कहना है कि अगर बच्चों को पढ़ाने के लिए सुरक्षित कमरा तक उपलब्ध नहीं है, तो फिर शिक्षा सुधार के दावे किसके लिए हैं?