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September 16, 2025

सीएम साहब... आधा महीना गुजर गया, कब मिलेगी HRTC के पेंशनरों को पेंशन; बढ़ रहा रोष

सुक्खू सरकार ने की वादाखिलाफी, हर माह के अंतिम दिनों में मिल रही पेंशन

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HRTC Pensinor

मंडी। हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन HRTC के पेंशनधारकों को एक बार फिर से समय पर पेंशन न मिलने का दंश झेलना पड़ रहा है। सितंबर माह की पेंशन आधा माह गुजर जाने के बाद अभी तक नहीं मिली है। जिससे प्रदेशभर में हजारों पेंशनरों को आर्थिक तंगी और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मंडी स्थित वरिष्ठ नागरिक भवन में आयोजित एचआरटीसी पेंशनर कल्याण संगठन की मासिक बैठक में इस मुद्दे पर गहरा रोष व्यक्त किया गया।

हर माह अंतिम दिनों में मिल रही पेंशन

बैठक में शामिल करीब 100 पेंशनधारकों ने सरकार और निगम प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि बार.बार आग्रह और वादों के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। संगठन के अध्यक्ष केडी अवस्थी ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में मुख्यमंत्री से लेकर प्रबंध निदेशक तक से कई बार मुलाकात कर ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं।

 

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मुख्यमंत्री के आश्वासन पर भी अमल नहीं

अवस्थी ने जानकारी दी कि 7 मई को सचिवालय में मुख्यमंत्री ने खुद आश्वासन दिया था कि हर माह 15 तारीख से पहले पेंशन वितरित कर दी जाएगी। लेकिन इसके बावजूद पेंशन हर बार महीने के अंतिम दिनों में दी जा रही है। अगस्त माह की पेंशन जहां 30 तारीख को दी गई, वहीं अब सितंबर माह की पेंशन भी 16 तारीख बीत जाने के बाद भी नहीं मिली है। यह न सिर्फ वादाखिलाफी है, बल्कि हजारों बुजुर्गों के जीवन से खिलवाड़ भी है।

 

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बुजुर्गों की बढ़ती मुश्किलें

पेंशन पर पूरी तरह निर्भर कई बुजुर्गों के लिए यह देरी अब आर्थिक संकट में तब्दील हो गई है। कई पेंशनर दवाइयों, किराए, बिजली.पानी के बिल और घरेलू खर्चों के लिए पूरी तरह इसी राशि पर निर्भर हैं। समय पर पेंशन न मिलने से उन्हें अपनी जरूरतें टालनी पड़ रही हैं, और कुछ तो कर्ज लेकर गुज़ारा करने को मजबूर हैं।

हर माह 67 करोड़ की जरूरत, लेकिन फंड की कमी

HRTC प्रबंधन के अनुसार हर महीने पेंशन और वेतन के लिए कुल 67 करोड़ रुपये की जरूरत होती है। लेकिन सरकार की ओर से उपलब्ध कराए जा रहे फंड में कमी के कारण पेंशन भुगतान लगातार विलंबित हो रहा है। अगस्त माह में भी पेंशन 30 तारीख को तब जारी की गई, जब विपक्ष ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया। सितंबर माह में सरकार ने 56 करोड़ रुपये जारी किए, जिसमें से 45 करोड़ वेतन में खर्च हो गए, और पेंशन के लिए फिर फंड नहीं बचा।

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अभियान और आंदोलन की तैयारी

पेंशनरों का कहना है कि न्यायालय के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद सरकार और निगम प्रबंधन कोई ठोस नीति नहीं बना सके हैं। संगठन सितंबर में एक राज्यव्यापी जागरूकता अभियान शुरू करने वाला था, लेकिन प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा के कारण उसे टाल दिया गया। अब संगठन ने आंदोलन की राह पकड़ने का मन बना लिया है। आने वाले दिनों में राज्यभर में धरना-प्रदर्शन किए जाएंगे।

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सरकार को जल्द समाधान निकालने की जरूरत

HRTC के बुजुर्ग पेंशनर वो वर्ग हैं, जिन्होंने अपने जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष निगम और प्रदेश की सेवा में लगाए हैं। अब जब वे अपने जीवन के उत्तरार्ध में पहुंचे हैं, तो उन्हें उनके अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। सरकार और निगम प्रबंधन को चाहिए कि वे पेंशनरों की समस्याओं को प्राथमिकता से समझें और एक स्थायी समाधान निकालें, जिससे हर महीने समय पर पेंशन का वितरण सुनिश्चित किया जा सके।

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