#अव्यवस्था
July 16, 2025
हिमाचल की यह सड़क अजूबे से नहीं कम, लोगों के लिए खतरे की घंटी बनी दो विभागों की खींचतान
स्थानीय भाजपा विधायक एवं पूर्व ऊर्जा मंत्री ने बताया सच
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सिरमौर। हिमाचल प्रदेश मंत्री विक्रमादित्य सिंह के लोक निर्माण विभाग ने एक ऐसी सड़क बना दी है, जिसे लोग दुनिया का 8वां अजूबा कहने से नहीं कतरा रहे हैं। प्रदेश के जिला सिरमौर में बनी यह सड़क दरअसल जनता में इसलिए भी चर्चा का विषय बन गई क्योंकि इसी पंचायत में भाजपा विधायक व पूर्व ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी का घर है।
जानकारी के अनुसार, सिरमौर जिले के पांवटा साहिब से एक ऐसी सड़क की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं, जिसने मंत्री विक्रमादित्य के विभाग की कार्यप्रणाली पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह सड़क इसलिए चर्चा में है क्योंकि इसके बीचों-बीच बिजली के खंभे खड़े हैं।
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इस सड़क में कई जगहों पर ये खंबे खतरे का संकेत बन गए हैं। बद्रीपुर-किशनपुरा-पुरुवाला मार्ग पर करीब दो महीने पहले लोक निर्माण विभाग ने एक कच्ची सड़क को पक्का और चौड़ा करने का काम पूरा किया। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि इस निर्माण के दौरान बीच सड़क में खड़े बिजली के खंभों को न तो हटाया गया और न ही शिफ्ट करने की कोई कोशिश की गई।
उधर, इस पूरे मामले पर स्थानीय विधायक और पूर्व ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि यह सड़क नाबार्ड योजना के तहत बनी है और सड़क निर्माण के समय बिजली खंभे हटाने के लिए बजट का प्रावधान नहीं था। उन्होंने बिजली विभाग को इस बारे में लिखित सूचना दी थी और अब बिजली विभाग ने ₹1.90 करोड़ का एस्टिमेट भेजा है, जिसे पीडब्ल्यूडी अभी तक जमा नहीं कर पाया।
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स्थानीय लोग और सोशल मीडिया यूजर्स अब इस सड़क को "खंभों का अजूबा" कह रहे हैं। लोग मजाक में कह रहे हैं कि इस सड़क को देखने के लिए टिकट लगना चाहिए और इसे पर्यटन स्थल घोषित कर देना चाहिए। लेकिन इस मजाक के पीछे एक कड़वा सच है यह लापरवाही भविष्य में बड़े हादसों की वजह बन सकती है, खासकर रात के समय।
करीब 6 किमी लंबी इस सड़क पर कुल 33 खंभों को हटाना जरूरी है। 11 केवी एचटी लाइन के 16 खंभे और एलटी लाइन के 17 खंभे बीच सड़क पर खड़े हैं। बिजली विभाग का कहना है कि पीडब्ल्यूडी बार-बार बजट कम करने की बात कह रहा है और पैसा नहीं भेज रहा। दूसरी ओर, पीडब्ल्यूडी का कहना है कि कुछ हिस्सों के लिए बजट जारी कर दिया गया है, लेकिन अब तक कोई काम शुरू नहीं हुआ है।
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बहरहाल, जहां एक ओर सरकारें और विभाग सड़क, बिजली और बुनियादी ढांचे को सुधारने के दावे करती हैं, वहीं इस सड़क की हालत हकीकत की एक भयानक तस्वीर पेश करती है। बीच सड़क खंभे न केवल लापरवाही को दर्शाते हैं, बल्कि आम जनता की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ भी हैं। जब तक ये खंभे नहीं हटते, इस सड़क पर भारी वाहनों की आवाजाही से जान-माल को खतरा बना रहेगा।