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December 9, 2025

कब जागेगी सुक्खू सरकार.. 8 दिन बीते-नहीं मिला HRTC कर्मियों को वेतन, बसें खड़ी करने की चेतावनी

वेतन ना मिलने से भड़के चालक परिचालकों ने दी हड़ताल की चेतावनी

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HRTC Protest

शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार एक तरफ पेंशनरों के लंबित मेडिकल बिलों का भुगतान करने की घोषणाएं कर रही है, वहीं दूसरी ओर एचआरटीसी के चालकों-परिचालकों को हर माह वेतन के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। आठ दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक सरकार ने एचआरटीसी के चालकों परिचालकों को वेतन नहीं दिया है, जिससे निगम के इन कर्मचारियों में खासा रोष है। हालात यह हैं कि परिवार चलाने तक की मुश्किलों से जूझ रहे कर्मचारी अब सरकार और निगम प्रबंधन के खिलाफ आर.पार की लड़ाई के मूड में दिखाई दे रहे हैं।

दूसरे दिन चालकों परिचालकों ने किया प्रदर्शन

आर्थिक तंगी से जूझ रही हिमाचल सरकार के सामने एचआरटीसी कर्मचारियों का धैर्य जवाब देने लगा है। लगातार आठ से नौ दिन बीत जाने के बाद भी वेतन न मिलने पर चालक-परिचालकों ने मंगलवार को पुराने बस अड्डे में स्थित निगम मुख्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। लगातार दूसरे दिन हो रहे इस विरोध में कर्मचारियों ने सरकार और निगम प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि अब वेतन के लिए हर महीने सड़क पर उतरना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

 

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हमें हमारा हक चाहिए

चालक-परिचालक संघ के अध्यक्ष मान सिंह ठाकुर ने कड़े शब्दों में कहा कि सरकार चाहे एचआरटीसी बंद कर दे या निजी कंपनियों को सौंप दे, लेकिन कर्मचारियों को उनका हक का पैसा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि निगम की वर्कशॉप की हालत दयनीय है न कलपुर्जे हैं, न मैकेनिक। इसके बावजूद खराब बसों को रूट पर भेजने का दबाव बनाया जाता है। यदि चालक-परिचालक इनकार करें तो उन्हें चार्जशीट की धमकी दी जाती है। रूट पर बसें खराब होने पर यात्रियों का गुस्सा भी कर्मचारियों पर निकलता है, जिससे सुरक्षा तक खतरे में है।

 

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बसें खड़ी कर देने की चेतावनी

संघ ने चेतावनी दी है कि यदि चालक-परिचालक खराब बसें चलाने से मना कर दें तो प्रबंधन उन्हें चार्जशीट करने की धमकी देता है। रूट पर बसें खराब होने पर यात्रियों का गुस्सा चालक-परिचालकों पर उतरता है और कई बार वे मारपीट का भी शिकार हो रहे हैं। मानसिंह ठाकुर ने कहा कि कर्मचारियों की नाराजगी अब चरम पर है। यदि तुरंत वेतन और लंबित वित्तीय लाभ जारी नहीं किए गए, तो 24 दिसंबर को संघ महत्वपूर्ण फैसला लेगा। इसके बाद स्थिति अनिश्चितकालीन हड़ताल तक पहुंच सकती है और कर्मचारी बसें खड़ी करने को मजबूर हो जाएंगे।

अब आर.पार की लड़ाई

उन्होंने कहा कि हर बार कर्मचारियों के वेतन.भत्तों की बात आते ही घाटे का बहाना बनाया जाता है, जबकि कर्मचारी दिन.रात मेहनत कर निगम को चलाए हुए हैं। संघ के अनुसार एचआरटीसी कर्मचारियों के 100 करोड़ रुपये ओवर नाइट भत्तों के रूप में लंबित पड़े हैं, 2016 का एरियर अब तक उन्हें नहीं मिला है। इतना ही नहीं पिछले पांच सालों से मेडिकल प्रतिपूर्ति भी अटकी हुई है। मान सिंह ठाकुर ने कहा कि यदि 15 दिनों के भीतर भुगतान नहीं किया गया, तो चालकदृपरिचालक कठोर कदम उठाने से पीछे नहीं हटेंगे।

 

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यूनियन की चेतावनी

मान सिंह ठाकुर ने साफ कहा कि अब यह संघर्ष वेतन तक सीमित नहीं है, बल्कि कर्मचारियों के सम्मान और सुरक्षित कार्य परिस्थितियों की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि जब.जब वेतन और भत्तों की बात उठती है, निगम घाटे का हवाला देने लगता है, लेकिन कर्मचारी दिन-रात मेहनत कर परिवहन सेवाओं को चलाए हुए हैं।

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