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November 2, 2025

हिमाचल में बंद होंगे विकास कार्य, ठेकेदारों ने सीएम सुक्खू- विक्रमादित्य सिंह को दी चेतावनी

सीएम सुक्खू विक्रमादित्य सिंह से उठाएंगे मुद्दा, नहीं माने तो बंद कर देंगे काम

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Shimla Contractor Asociation

शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार के खिलाफ अब ठेकेदारों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। पिछले लंबे समय से पेमेंट ना मिलने से अब ठेकेदारों के सब्र का बांध टूटने लगा है। राजधानी शिमला में अब ठेकेदारों ने प्रदेश की सुक्खू सरकार और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। उन्होंने सरकार से दो.टूक जवाब मांगने की ठान ली है।

शिमला में ठेकेदारों ने बनाई रणनीति

राजधानी शिमला में जय मां तारा ठेकेदार वैल्फेयर एसोसिएशन की आम सभा की बैठक शिमला में एसोसिएशन के अध्यक्ष भूपेंद्र वर्मा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में शिमला क्षेत्र के करीब 60 ठेकेदारों ने हिस्सा लिया। चर्चा का केंद्र बिंदु रहा महीनों से रुकी पेमैंट और उससे ठेकेदारों को हो रही आर्थिक परेशानी।

 

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सरकार से जल्द मुलाकात का फैसला

बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि ठेकेदार जल्द ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह से मिलकर भुगतान की समस्या पर विस्तार से चर्चा करेंगे। एसोसिएशन ने कहा कि यदि सरकार ने इस बार भी ठोस कदम नहीं उठाया, तो ठेकेदार मजबूरन काम बंद करने पर विचार करेंगे। अध्यक्ष भूपेंद्र वर्मा ने कहा कि ठेकेदार महीनों से अपनी मेहनत की कमाई का इंतज़ार कर रहे हैं। अब हालात यह हैं कि कई परियोजनाएं आर्थिक तंगी में अटकी हुई हैं। सरकार को समझना चाहिए कि ठेकेदार विकास की रीढ़ हैं, यदि पेमैंट नहीं मिलेगी, तो काम रुकना स्वाभाविक है।

 

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ठेकेदारों के सब्र का बांध टूटा

वर्मा ने आगे कहा कि अब तक ठेकेदारों ने सरकार पर भरोसा रखकर काम जारी रखा, लेकिन अब सब्र का बांध टूटने लगा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने तत्काल भुगतान सुनिश्चित नहीं किया, तो शिमला ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के ठेकेदार आंदोलन की राह पकड़ सकते हैं। बैठक में यह भी तय किया गया कि शिमला के अलावा हिमाचल की अन्य ठेकेदार एसोसिएशन से भी संपर्क साधा जाएगा ताकि एक साझा रणनीति बनाई जा सके। सभी जिलों के प्रतिनिधि मिलकर आने वाले दिनों में प्रदेश स्तर पर ठेकेदारों की बैठक बुलाने पर विचार कर रहे हैं।

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आर्थिक तंगी से जूझ रहे ठेकेदार

एसोसिएशन के महासचिव ललित शर्मा, चेयरमैन मनोज शर्मा और पदाधिकारी खेम राज व अरुण ठाकुर ने बताया कि विभागीय भुगतान रुकने से ठेकेदारों की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। कई परियोजनाएं अधर में लटकी हैं और कर्मचारियों का वेतन देना भी मुश्किल हो रहा है। ठेकेदारों का कहना है कि सरकार ने काम तो पूरा करवा लिया, लेकिन भुगतान के नाम पर महीनों से केवल आश्वासन ही मिल रहा है।

 

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सरकार के लिए बढ़ी चुनौती

ठेकेदारों की चेतावनी से साफ है कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो यह मामला सुक्खू सरकार के लिए नया सिरदर्द बन सकता है। आगामी दिनों में ठेकेदारों की राज्यव्यापी बैठक की संभावना जताई जा रही है, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।

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