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September 18, 2025

हिमाचल: भूस्खलन से तबाह हो गया पूरा गांव, 28 घर क्षतिग्रस्त- दो सप्ताह बाद भी नहीं पहुंचा प्रशासन

हेलीकॉप्टर से पहुंचा राशन

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Kullu Natural Disaster

कुल्लू। हिमाचल प्रदेश इस बार प्राकृतिक आपदा की गहरी चोट झेल रहा है। जिसके तहत जिला कुल्लू के बंजार उपमंडल में भूस्खलन और जमीन धंसने की घटनाओं ने दर्जनों गांवों की तस्वीर बदलकर रख दी है। कई गांवों में हालात इतने बिगड़ गए हैं कि अब तक वहां तक जिला प्रशासन भी नहीं पहुंच पाया।

28 घर पूरी तरह मलबे में तब्दील

मिली जानकारी के अनुसार, सबसे बुरी तरह प्रभावित गांवों में शरची पंचायत का बंदल कोशुनाला गांव शामिल है। यहां दो सप्ताह पहले अचानक जमीन खिसकने और भूस्खलन की वजह से करीब 28 घर पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गए।

 

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आज गांव की हालत यह है कि न सड़कें बची हैं, न सुरक्षित जमीन। जिन परिवारों ने सालों की मेहनत से अपने घर बनाए थे, उनके सामने अब छत और रोज़ी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

राशन खत्म, सड़कें बंद

गांव तक जाने वाला रास्ता पूरी तरह से बाधित है। लोगों का कहना है कि अब उनका राशन भी धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है। कुछ परिवार रिश्तेदारों के यहां शरण लिए हुए हैं, जबकि बाकी लोग तिरपाल या अस्थायी टैंटों में रात गुजार रहे हैं। पंचायत की ओर से कुछ तिरपाल बांटे गए हैं, लेकिन यह इंतज़ाम प्रभावित परिवारों की पीड़ा कम करने के लिए नाकाफी हैं।

प्रशासन का इंतजार

स्थानीय लोग लगातार जिला प्रशासन की ओर देखने को मजबूर हैं। उनका कहना है कि अभी तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। हालांकि मुख्यमंत्री ने बुधवार को अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के निर्देश दिए हैं। इससे बंदल कोशुनाला गांव के निवासियों को उम्मीद जगी है कि शायद अब उनकी सुध ली जाएगी।

 

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पूरे बंजार उपमंडल में तबाही का पैमाना बड़ा है। प्रशासनिक आकलन के अनुसार, यहां कुल 457 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इनमें से 229 पूरी तरह ढह गए, जबकि 318 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त बताए जा रहे हैं। नुकसान की राशि का अनुमान करीब 51 करोड़ रुपये लगाया गया है।

हेलीकॉप्टर से पहुंचा राशन

सड़कें बंद होने के कारण प्रशासन को हवाई रास्ते का सहारा लेना पड़ा। हेलीकॉप्टर के माध्यम से अब तक 150 क्विंटल राशन गांवों तक पहुंचाया गया। बिजली व्यवस्था भी पूरी तरह प्रभावित हुई थी। बंजार क्षेत्र में 255 ट्रांसफार्मर बंद पड़े थे, जिनमें से 250 को दुरुस्त कर दिया गया है। इसी तरह 50 सड़कें प्रभावित थीं, जिनमें से 30 छोटे वाहनों के लिए खोली जा चुकी हैं।

 

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औट-लुहरी-सैंज राष्ट्रीय राजमार्ग-305 को भी आंशिक रूप से बहाल कर दिया गया है। प्रशासन की ओर से अब तक प्रभावित परिवारों को 18 लाख रुपये की राहत राशि दी गई है। इसके अलावा 2100 तिरपाल, 300 राशन किट, 100 कंबल, गद्दे और अन्य सामान वितरित किया गया है।

एक झटके में सब खत्म

बंदल गांव की रहने वाली लता शर्मा ने भावुक होकर अपने हालात बताते हुए कहा कि हमने जीवनभर की पूंजी लगाकर आठ कमरों का चार मंजिला मकान बनाया था। एक ही पल में सबकुछ खत्म हो गया। अब न रहने को घर बचा है, न दोबारा बनाने की जगह। रिश्तेदारों के घरों में शरण ली हुई है, और सिर्फ सरकार की मदद का इंतजार है।

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