#विविध
September 18, 2025
आपदा से घिरे हिमाचल को राम भरोसे छोड़- CM सुक्खू लंदन रवाना, पत्नी-बेटियों को भी ले गए साथ
लोग बेघर हो रहे हैं- CM साहब विदेश यात्रा कर रहे; नेता प्रतिपक्ष
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शिमला। हिमाचल प्रदेश को इस समय भारी प्राकृतिक आपदा ने चारों तरफ से घेरा हुआ है। प्रदेश पर आई इस विपदा के बीच CM सुखविंदर सिंह सुक्खू कई बार दिल्ली की दौड़ लगा चुके हैं। उनके दिल्ली और राहुल गांधी की रैली के लिए बिहार दौरे पर विपक्ष यानी भाजपा ने कई बार सवाल खड़े किए थे। इन सब के बीच अब एक बार फिर हिमाचल के CM सुक्खू हिमाचल से बाहर परदेस चले गए हैं।
दरअसल, CM सुक्खू कल दोपहर बाद शिमला से दिल्ली रवाना हो गए थे। जहां से आज वो सीधा लंदन के लिए रवाना हो गए हैं। CM सुक्खू का ये दौरा निजी बताया जा रहा है। CM सुक्खू अपने साथ पत्नी कमलेश ठाकुर और दोनों बेटियों को भी ले गए हैं।
CM सुक्खू के इस दौरे को लेकर जहां सरकारी हलकों में इसे व्यक्तिगत पारिवारिक यात्रा बताया जा रहा है, वहीं विपक्ष ने इसे मौजूदा आपदा प्रबंधन की गंभीरता से जोड़ते हुए सियासी हमले तेज कर दिए हैं। CM सुक्खू अगले करीब एक हफ्ते तक हिमाचल की जनता के लिए उपलब्ध नहीं होंगे।
बताया जा रहा है कि CM सुक्खू परिवार के साथ निजी दौरे पर लंदन गए हैं। CM सुक्खू अपनी बड़ी बेटी के उच्च शिक्षा के लिए लंदन जा रहे हैं। जहां वे उसके एडमिशन से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी करेंगे।
CM सुक्खू ने बुधवार को दिल्ली रवाना होने से पहले एक वर्चुअल बैठक कर राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। फिर उसके कुछ ही घंटों बाद उनका लंदन रवाना होना अब सियासी चर्चा का विषय बन गया है।
भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने CM सुक्खू पर हमला बोलते हुए कहा कि जब पूरा प्रदेश आपदा से जूझ रहा है, तब CM सुक्खू का विदेश दौरे पर जाना संवेदनहीनता की मिसाल है। पूर्व CM व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हजारों लोग बेघर हो चुके हैं, गांवों के गांव कट चुके हैं, सड़कें ध्वस्त हैं, और CM साहब विदेश यात्रा पर हैं। यह हिमाचल के लोगों के साथ अन्याय है। बेटी की पढ़ाई जरूरी हो सकती है, लेकिन प्रदेशवासियों की सुरक्षा और राहत कार्यों की निगरानी सर्वोपरि होनी चाहिए।
विदित रहे कि, हिमाचल प्रदेश में पिछले 48 घंटों से मूसलाधार बारिश और भूस्खलन से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। बारिश से जुड़े हादसों और प्राकृतिक आपदा से कुल मिलाकर इस मानसून में 417 लोगों की जान जा चुकी है और हजारों मकान व ढांचागत संपत्ति को नुकसान हुआ है।