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June 4, 2025
हिमाचल : कॉन्स्टेबल बहन ने दिखाया जुड़वा भाइयों को रास्ता, आज दोनों हैं DSP- जानिए अनोखी स्टोरी
कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहे दोनों भाई
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शिमला। कहते हैं कि किस्मत भी झुक जाती है मेहनत के आगे, जब बहन हो साथ तो डर किस भाग्य के साए। वो कांस्टेबल बनी, मगर मंजिल रच दी ऐसी, दोनों भाई अब DSP की कुर्सी सजाए। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले की हरी-भरी पहाड़ियों में बसे छोटे से गांव थनोह से निकले दो जुड़वा भाइयों ने।
इन जुड़वा भाइयों की असाधारण कहानी ने आज न केवल राज्य में, बल्कि पूरे देश में प्रेरणा की मिसाल कायम की है। यह कोई फिल्मी पटकथा नहीं, बल्कि जिंदगी की असल हकीकत है- जहां जुड़वा भाई केडी शर्मा और जीडी शर्मा ने न केवल साथ जन्म लिया, बल्कि जीवन की हर महत्वपूर्ण मंजिल भी साथ-साथ तय की।
वर्तमान में दोनों भाई हिमाचल प्रदेश पुलिस सेवा में DSP के पद पर तैनात हैं। दोनों भाई समाज सेवा की राह पर कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहे हैं। ये दोनों भाई सिर्फ अपने परिवार के युवाओं को ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं।
इन दोनों भाइयों का जन्म 15 अक्टूबर 1983 को राजगढ़ उपमंडल के गांव थनोह में हुआ। इनके पिता दिवंगत चेतराम और माता सुभद्रा शर्मा ने बचपन से ही शिक्षा को प्राथमिकता दी। इनकी परवरिश न केवल एक अनुशासित वातावरण में हुई, बल्कि परिवार ने हमेशा उन्हें बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने की प्रेरणा दी।
बचपन से ही दोनों भाइयों का जीवन बेहद समन्वित रहा- एक साथ स्कूल जाना, पढ़ाई करना और हर मोड़ पर एक-दूसरे का साथ निभाना इनकी आदत में शुमार था। यहां तक कि करियर के चयन में भी दोनों का लक्ष्य समान था-समाज की सुरक्षा और सेवा।
केडी शर्मा ने नॉन-मेडिकल विषय से BSC की, जबकि जीडी शर्मा ने आर्ट्स से स्नातक किया। अलग-अलग विषयों की पढ़ाई के बावजूद दोनों का मंजिल पर ध्यान एक जैसा था। एससी के बाद केडी शर्मा ने कालाअंब में BED. में दाखिला लिया, जबकि जीडी शर्मा ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भूगोल विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन में प्रवेश लिया।
साल 2006 में दोनों भाइयों का चयन हिमाचल पुलिस में कांस्टेबल के पद पर हुआ। मगर यहीं उनका सफर खत्म नहीं हुआ। ड्यूटी के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी जारी रखी। साल 2008 में दोनों भाई एक साथ सब-इंस्पेक्टर पद पर चयनित हुए। यह संयोग अपने आप में दुर्लभ और प्रेरक है।
लगातार मेहनत और उत्कृष्ट सेवा के दम पर लगभग चार साल पहले दोनों भाइयों को एक साथ ही DSP के पद पर पदोन्नति मिली। वर्तमान में DSP केडी शर्मा अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल मनाली में कानून व्यवस्था की कमान संभाल रहे हैं। उनकी गिनती अपराध जांच में दक्ष अधिकारियों में होती है। अब तक वे 18 ब्लाइंड मर्डर केसों को सुलझाने में अहम भूमिका निभा चुके हैं और दो बार DGP डिस्क अवार्ड से सम्मानित भी हुए हैं।
दूसरी ओर DSP जीडी शर्मा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला में तैनात हैं। उनका कार्यक्षेत्र शैक्षणिक परिसर है, जहां अनुशासन और नैतिकता बनाए रखना बेहद संवेदनशील जिम्मेदारी होती है। वे न केवल कानून व्यवस्था संभाल रहे हैं, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत भी बन चुके हैं।
इस कामयाबी की नींव में एक और महत्वपूर्ण स्तंभ है-उनकी बड़ी बहन अंजना शर्मा, जो स्वयं हिमाचल पुलिस में नाहन में कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं। उन्होंने भाइयों की शिक्षा में आर्थिक और मानसिक सहयोग देकर उनकी नींव को मजबूत किया। डीएसपी केडी शर्मा स्वयं स्वीकार करते हैं कि यदि बहन का मार्गदर्शन न होता, तो शायद वे इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाते।
परिजनों ने बताया कि दोनों भाइयों ने बचपन से ही अपनी बहन को वर्दी में देखकर उन्हें प्रेरणा मिली थी। आज की सफलता में माता-पिता के साथ-साथ बहन अंजना शर्मा की भूमिका सबसे अहम रही है। दोनों भाइयों का पारिवारिक जीवन भी संतुलित है। केडी शर्मा ने 2017 में और जीडी शर्मा ने 2018 में विवाह किया। वे आज भी वर्दी को सिर्फ अधिकार नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और सेवा का प्रतीक मानते हैं।